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Video बच्चों ने खुद बनाया रावण, चार वर्षों से निभा रहे परंपरा

करीब 10 दिन से बच्चे जुटे हैं पुतला तैयार करने
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ट्रिब्यून कालोनी में रावण का पुतला तैयार करते बच्चे।
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 11 अक्तूबर

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इस बार दशहरे के अवसर पर चंडीगढ़ के सेक्टर 29 डी, ट्रिब्यून कॉलोनी के बच्चों ने अपनी मेहनत और जोश से एक खास रावण का पुतला तैयार किया है। करीब 10-14 साल के सात बच्चों—समर, सार्थक, युवी, साहिल, एबी, साकेत, और गुरांश—ने पिछले चार वर्षों से रावण बनाने की परंपरा को जिंदा रखा है। इन बच्चों के लिए यह केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि अच्छाई पर बुराई की विजय का प्रतीक है, जिसे वे अपने प्रयासों से हर साल और भी खास बनाते हैं।

रचनात्मकता और उत्साह का संगम

यह समूह पिछले दो हफ्तों से हर रोज़ 2-3 घंटे लगाकर रावण का पुतला तैयार कर रहा है। इतनी छोटी उम्र में भी इन बच्चों का समर्पण और उत्साह देखने लायक है। उनकी इस रचनात्मकता और मेहनत से न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे मोहल्ले में उत्साह की लहर दौड़ गई है।

मजेदार सीखने का अनुभव

बच्चे बताते हैं कि रावण बनाना उनके लिए मजेदार होने के साथ-साथ एक सीखने का अनुभव भी है। इस प्रक्रिया में उन्हें रचनात्मकता का मौका मिलता है, साथ ही वे एक टीम के रूप में काम करने का महत्व भी समझते हैं। पुतले के निर्माण के दौरान वे आपस में यह चर्चा भी करते हैं कि कैसे बुराई का अंत होना चाहिए और अच्छाई को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश

दशहरे के दिन, ये सभी बच्चे मिलकर अपने बनाए हुए रावण के पुतले को जलाएंगे, और इस तरह बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश पूरे कॉलोनी में फैलाएंगे। उनकी इस मेहनत और लगन को देखकर इलाके के सभी लोग उनकी सराहना कर रहे हैं।

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