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पंजाब तेरापंथ धर्म संघ के भीष्म पितामह थे रतन लाल जैन : मनीषी सतमुनि

मनीमाजरा , (चंडीगढ), 10 मार्च (हप्र) बड़ों, बुजुर्गों व युवाओं के प्रेरणास्रोत व आदर्श व्यक्त्वि के धनी रतन लाल जैन किसी पहचान के मोहताज नही थे। रतन लाल जैन आदर्श विचारों और आदर्शों गुणों के कारण हर जगह प्रसंशा के...

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चंडीगढ़ के सेक्टर-24 सी में आयोजित कार्यक्रम में उपस्िथत लोगों को संबोधित करते मनीषी संतमुनि श्रीविनयकुमारजी आलोक। -हप्र
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मनीमाजरा , (चंडीगढ), 10 मार्च (हप्र)

बड़ों, बुजुर्गों व युवाओं के प्रेरणास्रोत व आदर्श व्यक्त्वि के धनी रतन लाल जैन किसी पहचान के मोहताज नही थे। रतन लाल जैन आदर्श विचारों और आदर्शों गुणों के कारण हर जगह प्रसंशा के पात्र बनते थे। दिल के बेहद ही कोमल, विनम्र व सादगी की मूर्त थे। ऐसी महान आत्मा का जाना परिवार के साथ साथ समाज के लिए भी बड़ी क्षति की है, जिसको भरना बेहद ही कठिन है। उन्होंने समाज को सुदृढ़ बनाने के लिए सदैव युवा शक्ति पर भरोसा किया। यह शब्द मनीषी संतमुनि श्रीविनयकुमारजी आलोक ने पंजाब तेरापंथ धर्म संघ के भीष्य पितामह कहे जाने वाले रतन लाल जी जैन की स्मृति सभा को संबोधित करते हुए अणुव्रत भवन सेक्टर-24सी तुलसीसभागार मे कहे। स्मृति सभा मे नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज, पंजाब यूनिवर्सिटी के हिंदी विभागाअध्यष्क्ष प्रो. अशोक कुमार ,पंजाब तेरापंथ महासभा के चेयरमैन व प्रमुख उद्योगपति सुरेंद्र मित्तल, नशा मुक्ति एनजीओ के प्रमुख विक्रम सेठी, चंडीगढ तेरापंथ सभा के अध्यक्ष वेद प्रकाश जैन, अणुव्रत समिति चंडीगढ के प्रधान मनोज जैन, कार्यक्रम का संयोजन, प्रो. सलील जैन, श्रीमती विनोद सुराणा आदि ने श्रद्धांजलि दी।

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