बारिश का कहर : सुखना लेक के फ्लड गेट खुले, बापूधाम पुल बंद, घंटों लंबा जाम
रविवार और सोमवार को चंडीगढ़ और पंचकूला में भारी बारिश का कहर दिखा। बारिश ने शहर की रफ्तार थाम दी। बारिश के चलते सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया, जिसके बाद फ्लड गेट खोलने पड़े। इसके चलते सुखना चौ नहर के तेज बहाव से बापूधाम, किशनगढ़ और इंडस्ट्रियल एरिया की ओर जाने वाले पुलों पर ट्रैफिक रोकना पड़ा।
8 किलोमीटर का सफर 2 घंटे में तय
फ्लड गेट खुलने के बाद बापूधाम पुल बंद होने से पंचकूला से चंडीगढ़ आने वाला ट्रैफिक पूरी तरह प्रभावित हो गया। महज 8 किलोमीटर का फासला तय करने में लोगों को डेढ़ से दो घंटे लग गए। सुखना चौ नहर की तरह बह रही है और पुलिया की जगह स्थायी पुल न होने के कारण हर बार रास्ता बंद करना पड़ता है।
शहर के अंडरपास भी जलमग्न
चंडीगढ़ के अधिकतर अंडरपासों में जलभराव के चलते यातायात बाधित हुआ। इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित सीटीयू डिपो की ओर जाने वाला रास्ता बंद करना पड़ा। सेक्टर-11-15 और विकास नगर के अंडरपास में भी पानी भर गया, जिससे इन्हें अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।
प्रशासन ने किया स्थिति का जायजा
लगातार हो रही बारिश को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट पर है। उपायुक्त निशांत कुमार यादव, एसएसपी और उपमंडल मजिस्ट्रेट (पूर्व) ने सुखना झील और अन्य वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने जलभराव, संरचनात्मक नुकसान और संवेदनशील इलाकों की स्थिति का जायजा लिया। ट्रैफिक प्रबंधन और राहत उपायों की भी समीक्षा की गई।
मोरनी में टूटा पुल, गांवों में आई दरारें
पंचकूला के मोरनी क्षेत्र में बारिश ने कहर बरपाया। गड्यो गांव में जमीन दरकने से दरारें पड़ गईं। छामला गांव की नदी उफान पर आ गई और पुल पूरी तरह डूब गया। खडूनी गांव के लिए एक करोड़ की लागत से बना पुल भी तेज बहाव में बह गया, जिससे गांव का संपर्क कट गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में बर्बादी के हालात
मोरनी-पंचकूला मार्ग, मोरनी-रायपुररानी, मोरनी-टिक्करताल और खेड़ाबागड़ा रोड भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। कई गांवों का संपर्क बाहरी दुनिया से कट गया है और ग्रामीण प्रशासन से राहत की गुहार लगा रहे हैं।