चंडीगढ़/पंचकूला, 6 मार्च (नस)
यूक्रेन में छिड़े युद्ध के बीच अपनी जान बचाकर भारत लौट रहे स्टूडेंट्स के नये-नये खुलासे सबको परेशान कर रहे हैं। रविवार को पौलेंड से हवाई यात्रा कर भारत पहुंचे बहन-भाई का चंडीगढ़ पहुंचते ही दर्द आंसुओं के साथ छलक आया। पिता फतेहदीप सिंह और मां समेत रिश्तेदार और आसपड़ोस के लोग भी अपने आंसू रोक नहीं पाए।
यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे सुखमन कौर और कृपालजोत देररात भारत लौटने के बाद सुबह दिल्ली से रवाना होकर दोपहर बाद चंडीगढ़ पीजीआई स्थित अपने घर पहुंचे तो माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दोनों ने कई सनसनीखेज खुलासे किए। उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों से वे न तो ठीक से खा पाए और धमाकों के बीच नींद उड़ गई। ऊपर से पौलेंड तक के ट्रेन के सफर ने उन्हें तोड़ कर रख दिया। 1600 किलोमीटर के यूक्रेन के लवीव से पौलेंड पहुंचने तक उन्होंने 12 घंटे खड़े होकर सफर गुजारना पड़ा। उपद्रवियों ने उन्हें चैन तक नहीं लेेने दिया। ट्रेन में उनके साथ धक्का-मुक्की होती रही और उपद्रवियों ने लोगों के सामान को जमकर लूटा। इस दौरान उन्हें कई बार खून के आंसू रोना पड़ा। इसके बाबजूद स्थानीय नागरिकों की तरफ से मदद के लिये कोई हाथ नहीं बढ़ा।