पंजाब विवि : सियासी नेताओं और ‘गरमख्यालियों’ ने जमकर निकाली भड़ास
पीयू बचाओ मोर्चा के आह्वान पर बुलाये गये ‘बंद’ के दौरान आज के दौरान कुलपति कार्यालय के बाहर जमा हुए हजारों प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कई सियासी और गरमख्याली लोगों ने केंद्र सरकार और संघ के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली और शिक्षण संस्थानों का केंद्रीकरण किये जाने की निंदा की। वामपंथी संगठनों और किसान यूनियनों, डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट एवं डेमोक्रेटिक इम्पलाइज फ्रंट के अलावा पूर्व सीनेटरों, कांग्रेस, आप व अकाली नेताओं ने भी भाजपा और आरएसएस को आड़े हाथों लिया। ‘बंद’ का कैंपस में पूरा असर नजर आया मगर प्रदर्शन में एसएफएस के संदीप, सत्थ के अशमीत सिंह, सोपू के अभिषेक डागर, स्टूडेंट फ्रंट के मोहित मंडेरना समेत कुछ वामपंथी छात्र संगठनों को छोड़कर पीयू के छात्र मुट्ठीभर ही थे, शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारी बहुत थोड़ी संख्या में दिखे। बंद के बाद एसएफएस के संदीप ने कहा कि धरना तब तक जारी रहेगा जब तक कि सीनेट चुनाव का शैड्यूल जारी नहीं हो जाता।
धरने में जब आप सांसद मलविंदर सिंह कंग अपना भाषण समाप्त करने को ही थे तो कुछ लोगों ने ‘आप पार्टी मुर्दाबाद’ के नारे लगाकर उनकी हूटिंग शुरू कर दी। बाद में कंग उनसे मिले तो और तीखी बहस हो गयी और फिर से नारे लगाने लगे। इसी तरह मंच से ‘समाज सेवी’ भाना सिद्धू ने आम आदमी पार्टी और सीएम के खिलाफ खूब भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ मान सरकार ने कई पर्चे करा रखे हैं। पंजाब के सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक वर्गों के अनेक प्रमुख नेता धरने में पहुंचे जिनमें अमितोज मान, लक्खा सिडाना, दल खालसा के परमजीत सिंह मंड, अमृतपाल सिंह (वारिस पंजाब दे) के पिता तरसेम सिंह, यूएसएसएफ अध्यक्ष जुगराज सिंह, समाजसेवी प्रो. मंजीत सिंह, पंजाबी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति स्वर्ण सिंह बोपाराय, हरप्रीत दुआ, शिअद (संयुक्त) के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा व हरिंदरपाल सिंह चंदूमाजरा, यूथ कांग्रेस पंजाब अध्यक्ष इशप्रीत सिंह, दलवीर सिंह गोल्डी, संदीप सिंह सनी के भाई मंदीप सिंह, पंजाबी गायक इंदरजीत निक्कू तथा क़ौमी इकट्ठ फतेहगढ़ साहिब के निहंग नेता बापू लाभ सिंह शामिल रहे। पूर्व स्टूडेंट लीडर एवं कांग्रेस नेता बरिंदर सिंह ढिल्लों ने पीयू के हकों के लिये लड़ने और सदा साथ देने का वादा किया। आतंकी जगतार सिंह हवारा के पिता गुरचरण सिंह ने भी सभा को संबोधित किया। सत्थ के जुझार सिंह ने पंजाब को राज्य की बजाय देश बताया और कहा कि हमें अपना पानी और पंजाबी बोली वाली अपनी जमीन वापस लेनी होगी। वक्ताओं ने चंडीगढ़ लेने और पानी के बारे भी बात की। पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, परगट सिंह, कुलजीत नागरा,किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंधेर, काका सिंह कोटड़ा और एम.एस. राय समेत एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेता छात्रों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने विश्वविद्यालय पहुंचने में कामयाब रहे।
