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फसल का प्रति एकड़ 20 हजार मुआवजा देगी पंजाब सरकार

पंजाब मंत्रिमंडल ने राज्य में बाढ़ से फसल को हुए नुकसान के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का फैसला किया है। मंत्रिमंडल ने ‘जिसदा खेत, उसदी रेत’ नामक एक योजना को भी मंजूरी दी, जिसके तहत किसानों को...

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सोमवार को अस्पताल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए। -प्रेट्र
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पंजाब मंत्रिमंडल ने राज्य में बाढ़ से फसल को हुए नुकसान के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का फैसला किया है। मंत्रिमंडल ने ‘जिसदा खेत, उसदी रेत’ नामक एक योजना को भी मंजूरी दी, जिसके तहत किसानों को बाढ़ के बाद अपने खेतों में जमा रेत निकालने और बेचने की अनुमति होगी।

सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री ने मोहाली स्थित फोर्टिस अस्पताल से बैठक की अध्यक्षता की। वहां उन्हें नब्ज धीमी चलने की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। बैठक के बाद एक वीडियो संदेश में मान ने कहा, ‘हम किसानों को अपने खेतों से रेत निकालने की अनुमति दे रहे हैं। अगर आप रेत बेचना चाहते हैं या अपने लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं।’

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बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों ने अपने खेतों में बाढ़ के पानी के साथ आई रेत जमा होने पर चिंता व्यक्त की थी। मान ने कहा कि जहां तक बाढ़ से फसल को हुए नुकसान का सवाल है, राज्य सरकार प्रभावित किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा देगी। उन्होंने दावा किया, ‘यह देश में किसी भी राज्य द्वारा दिया जाने वाला अधिकतम मुआवजा है।’ अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ में 1.76 लाख हेक्टेयर जमीन पर लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं।

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मान ने यह भी कहा कि बाढ़ में अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले परिवारों को चार लाख रुपये दिए जाएंगे। प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए घरों का सर्वेक्षण किया जाएगा। मुंख्यमत्री के अनुसार, सहकारी समितियों और राज्य कृषि बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों के लिए कर्ज चुकाने की समयसीमा छह महीने बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा, ‘अगले छह महीने तक कोई किस्त नहीं देनी होगी और उस पर कोई ब्याज भी नहीं जोड़ा जाएगा।’ मान ने यह भी कहा कि राज्य सरकार मवेशियों, बकरियों और मुर्गी पालन के नुकसान के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।

पीएम का दौरा आज, पंजाब ने मांगा 20 हजार करोड़ का पैकेज

चंडीगढ/िशमला (एजेंसी/हप्र) : पंजाब सरकार के मंत्री अमन अरोड़ा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि राज्य के दौरे के समय वह बाढ़ग्रस्त पंजाब के लिए कम से कम 20 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पंजाब और हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। कांगड़ा के गग्गल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू उच्च अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री के समक्ष आपदा से हुए नुकसान की प्रस्तुति देंगे। इसी दौरान मुख्यमंत्री की ओर से प्रदेश के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग भी की जाएगी। प्रधानमंत्री द्वारा कांगड़ा, चंबा, कुल्लू, मनाली और मंडी क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किए जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को शिमला में कहा कि आपदा से राज्य को अब तक करीब 5 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। कई क्षेत्रों में सड़क, संचार और पेयजल योजनाएं अब भी बाधित हैं। बिजली परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पहले भी विशेष राहत पैकेज की गुहार लगाई जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने शिमला में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष वन अधिनियम में छूट देने की मांग भी करेंगे ताकि आपदा में जमीन गंवा चुके लोगों को एक बीघा वन भूमि दी जा सके।

उन्होंने कहा कि 2023 की आपदा में 10 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था, लेकिन दो साल बाद सिर्फ 2 हजार करोड़ मिले, जिनमें से 200 करोड़ राज्य सरकार का हिस्सा था।

प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद सुक्खू 11 सितंबर को 16वें वित्तायोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल के 67 फीसदी वन क्षेत्र के आधार पर प्रदेश को अधिक अदायगी मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी दोहराया कि पहाड़ी राज्यों के लिए केंद्रीय सहायता अनुदान के अलग मापदंड तय होने चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आपदा राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। बंद सड़कों को खोला जा रहा है ताकि सेब और सब्जियां मंडियों तक पहुंच सकें। चौपाल में टूटे 66 केवी टावर की बहाली जारी है। साथ ही मणिमहेश यात्रा में फंसे 16 हजार श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया।

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