चंडीगढ़, 14 जुलाई (ट्रिन्यू)
फीस बढ़ोतरी को लेकर पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संगठन स्टूडेंट्स फार सोसयटी (एसएफएस), पीएसयू ललकार और एबीवीपी भड़क गये हैं। छात्रों ने कुलपति से मांग की है कि बढ़ी फीस तुरंत वापस ली जाये। एसएफएस ने कुलपति के नाम दिये ज्ञापन में कहा है कि उनके कार्यकाल में कई पाठ्यक्रमों की फीस में भारी वृद्धि की गई है जो छात्र-विरोधी निर्णय है। बार-बार फीस बढ़ोतरी और महंगाई ने पहले ही अभिभावकों की हालत खराब कर रखी है, ऐसे में फीसें बढ़ाना दोहरी मार है। इससे पहले एसएफएस ने तीन जून को सीनेट बैठक से पहले सीनेटरों को भी ज्ञापन सौंपा था और फीस वृद्धि प्रस्ताव को नामंजूर किये जाने की मांग की थी। इसके बावजूद फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव को सीनेट ने मंजूरी दे दी, खासकर तब जब गर्मी की छुट्टियों के कारण छात्र कैंपस में नहीं थे। वहीं पीएसयू ललकार ने भी सेल्फ फाइनांस कोर्सों में 12 हजार तक फीस में बढ़ोतरी का कड़ा विरोध किया है और इसे वापस लेने की मांग की है। इसे लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भी वीसी ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इकाई अध्यक्ष रजत पुरी ने कहा कि दाखिलों के समय छात्रों को पता चल रहा है कि फीस में भारी भरकम बढ़ोतरी कर दी गई है। उत्तर भारत में हाल ही में आई बाढ़ और खराब मौसम की वजह से पहले से ही लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। एबीवीपी ने कुलपति कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और मांग की कि फीस बढ़ोतरी को वापस लिया जाए और छात्रों को चार किस्तों में फीस भरने का विकल्प भी दिया जाए। डीएसडब्ल्यू डॉ. जितेंद्र ग्रोवर मौके पर पहुंचे और छात्रों की शिकायतें सुनीं।