जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 22 नवंबर
सेक्टर-26 स्थित होम्योपैथिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में बीएचएमएस की नियमित 50 सीटों पर दाखिले को लेकर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। अगर कालेज ने समय रहते त्रुटियां दूर नहीं की तो दाखिले नहीं हो पायेंगे। कालेज की ओर से इस संबंध में ‘टेम्परेरी एक्सटेंशन आफ एफिलिएशन’ पर पंजाब विश्वविद्यालय ने ‘कंपलायेंस रिपोर्ट’ तलब की है। इस साल 6 अक्तूबर को कालेज गयी इंस्पेक्शन टीम ने अपनी रिपोर्ट में कुछ कमियों की ओर इशारा किया था और इन्हें दूर करने को कहा था। पीयू की ओर से कहा गया है कि जब तक ये कमियां दूर नहीं की जाती, तब तक दाखिलों की अनुमति नहीं दी जा सकती। होम्योपैथिक कालेज काफी समय से बीएचएमएस की सीटें 50 से बढ़ाकर 100 करने, तीन विषयों में पीजी कोर्स और फार्मेसी में डिप्लोमा कोर्स शुरू करने को प्रयासरत है लेकिन अब बीएचएमएस की रेगुलर 50 सीटों पर दाखिले भी खटाई में पड़ते दिखायी दे रहे हैं। 2017 में एक बार ऐसा हो चुका है कि पीयू ने दाखिलों की परमिशन नहीं दी थी और जीरो ईयर घोषित करना पड़ा था। पंजाब विश्वविद्यालय की ओर से आयी इंस्पेक्शन टीम ने कालेज को सभी खामियां तीन माह के भीतर दूर कर कंपलायेंस भेजने को कहा था लेकिन कालेज ने इन्हें अभी तक पूरा नहीं किया है।
पीयू की ओर से इस बारे में कालेज के साथ-साथ यूटी प्रशासन को भी सूचना भेजी गयी थी। पीयू की ओर से 2019 में भी खामियाें की तरफ ध्यान दिलाया गया था और इन्हें दूर कर कंपलायेंस भेजने को कहा था। ये खामियां दूर करने के लिये अब कालेज ने फैकल्टी के लिये रीडर इन आब्सगाइनी, रीडर इन कम्युनिटी मेडिसन, लेक्चरर (फिजियोलॉजी, फोरेंसिक) के पदों के लिये विज्ञापन दिया लेकिन फोरेंसिक मेडिसन में एक ही आवेदन आने से इंटरव्यू कॉल नहीं दी गयी जबकि कम्युनिटी मेडिसन में रीडर के लिये 2 ने आवेदन किया जिसके लिये कालेज में आज इंटरव्यू था जिसके लिये वीसी नॉमिनी, एक्सपर्ट आदि भी कालेज आ चुके थे मगर अकेला कैंडीडेट होने से उसका इंटरव्यू नहीं लिया गया। हालांकि लेक्चरर के पदों के लिये साक्षात्कार हो गये हैं।
कालेज के कार्यकारी प्रिंसिपल डॉ. सुहित खनरा ने कहा कि इंस्पेक्शन टीम ने कमियां दूर करने के लिये कुछ टाइम दिया हुआ है, वे इस पर काम कर रहे हैं। आज कालेज में कुछ पदों के लिये इंटरव्यू हुए हैं, हालांकि यह बताने से इनकार किया किन-किन पदों के लिये इंटरव्यू लिये गये। इस बीच, पूर्व प्रिंसिपल डॉ. केके धीमान ने आरोप लगाया कि मैनेजमेंट दोहरे मापदंड अपना रही है। चयन समिति को जब लगता है कि उनका आदमी उम्मीदवार है तो रूल कुछ और होते हैं और जब लगता है कि उनका नहीं है तो रूल दूसरे हो जाते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि 2019 की पोस्टें अभी तक क्यों नहीं भरी गयी। कालेज के पास अपर्याप्त इनफ्रास्ट्रक्चर है, पूरी फैकल्टी नहीं है। पीयू की ओर से जो-जो खामियां बतायी गयी थी उनकी कंपलायेंस अभी तक क्यों नहीं की गयी।