चंडीगढ़, 7 सितंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय सीनेट की सबसे बड़ी कांस्टीचुएंसी रजिस्टर्ड ग्रेजुएट कांस्टीचुएंसी की 15 सीटों के लिये चुनाव 26 सितंबर को होगा। ये फैसला दिल्ली सरकार द्वारा चुनाव कराने की मंजूरी दिये जाने के बाद लिया गया है। दिल्ली के उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से पीयू के सीनेट चुनाव कराने की इजाजत दे दी गई है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने इस संबंध में पीयू के रजिस्ट्रार एवं पीठासीन अधिकारी के साथ तालमेल के लिये अपने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये हैं। हालांकि पीठासीन अधिकारी एवं रजिस्ट्रार विक्रम नैयर की ओर से जारी बयान में एक राइडर भी लगाया है कि चांसलर और देश के उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू की मंजूरी की प्रत्याशा में और उत्तराखंड राज्य से चुनाव कराने की परमिशन संबंधी अप्रूवल आने पर ही तय तिथि पर चुनाव होंगे और कोविड प्रोटोकॉल की शर्त भी लागू रहेगी।
अब तक सभी फैकल्टीज और अन्य कांस्टीचुएंसी के चुनाव हो चुके हैं। सबसे बड़ी कांस्टीचुएंसी ग्रेजुएट ही है जिसमें 3.62 लाख वोटर हैं जो 26 सितंबर को होने वाले चुनाव में 43 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। हालांकि अब तक दो उम्मीदवार चुनाव मैदान से हट चुके हैं लेकिन तकनीकी तौर पर उनका नाम बना रहेगा। पिछले लंबे समय से छात्र संगठन, टीचर्स, राजनीतिक दल और अन्य सामाजिक संगठन ग्रेजुएट कांस्टीचुंएसी के चुनाव कराये जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। हाईकोर्ट में भी इस मामले में 13 सितंबर को सुनवाई होनी है। अब देखना ये होगा कि 26 सितंबर को भी चुनाव होते हैं या एक बार फिर से किसी न किसी बहाने से चुनाव टल जायेंगे।