जोगिंंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 16 दिसंबर
पंजाब सरकार द्वारा यूजीसी वेतनमान लागू किये जाने में की जा रही देरी को लेकर कालेज व यूनिवर्सिटी टीचर्स का चल रहा आंदोलन अब एक नये दौर में पहुंच गया है। पीफुक्टो के बैनर तले पूरे पंजाब व चंडीगढ़ में चलाये जा रहे आंदोलन को तब और बल मिला जब पूटा के दबाव में पंजाब विश्वविद्यालय प्रशासन ने 22 दिसंबर से होने वाली यूजी (अंडर ग्रेजुएट) और 27 दिसंबर से होने वाली पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) की परीक्षा को फिलहाल स्थगित कर दिया। यूजी के प्रैक्टीकल एग्जाम तो 17 दिसंबर से ही होने थे। परीक्षा नियंत्रक प्रो. जगत भूषण ने इसकी पुष्टि की है और कहा है कि नई तारीखों का एेलान बाद में किया जायेगा। प्रो. जगत भूषण ने बताया कि टीचर्स के आंदोलन के चलते 28 जनवरी से 2 फरवरी तक होने वाला विंटर ब्रेक भी अब थोड़ा पहले यानी 18 दिसंबर से 25 दिसंबर के बीच होगा। इस बीच, पंजाब सरकार द्वारा यूजीसी के संशोधित वेतनमान लागू करने में की जा रही देरी के विरोध में पीफुक्टो के बैनर तले ‘एजुकेशन बंद’ के तहत आज पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) के सदस्य पीयू कैंपस के गेट नंबर-1 पहुंचे। पीफुक्टो के अध्यक्ष एचएस किंगरा पीएयू लुधियाना में आमरण अनशन पर बैठे हैं।
शिक्षकों ने मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की और आर्ट्स ब्लॉक 1-4, लॉ विभाग, यूआईपीएस और यूआईएलएस में विभिन्न विभागों की ओर मार्च किया। पूटा की अपील पर संबंधित विभागों में मौजूद सभी अध्यक्षों/शिक्षकों ने विरोध करने वाले शिक्षकों में शामिल होकर अपना पूरा समर्थन दिया। ‘एजुकेशन बंद’ के आह्वान के साथ पूर्ण एकजुटता दिखाने के लिए पूटा ने प्रत्येक सदस्य का आभार जताया।
डीएवी के टीचर्स को हिरासत में लिया
आज डीएवी कॉलेज में डीएवीसीटीयू अध्यक्ष सुमित गोकलानी, सीनेटर शमिंदर संधू, कश्मीरी लाल के साथ 24 घंटे के लिए प्रस्तावित क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की। चार अन्य शिक्षक पारस अग्रवाल, मीनू वत्स, हरजोत मान, बिमल अंजुम आज डीएवी कॉलेज परिसर में एक दिन के उपवास के साथ डीएवी कॉलेज परिसर में धरने पर बैठे। भूख हड़ताल कल सुबह 9 बजे तक जारी रहेगी। पंजाब सरकार द्वारा वेतनमान को लागू नहीं करने से नाराज शिक्षकों ने आज मटका चौक की ओर मार्च किया, लेकिन रास्ते में पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती हिरासत में ले लिया, जबकि कुछ शिक्षकों ने पुलिस की मनमानी पर दुख व्यक्त जताया। शिक्षकों ने बहुत धैर्य दिखाया हालांकि वे क्रोधित भी थे कि पंजाब सरकार ने विश्वविद्यालय और कॉलेज के शिक्षकों के वेतनमान से यूजीसी से डी-लिंक करने का निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण फैसला लिया है।