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सीएमसी पब्लिक हेल्थ कर्मचारियों की छंटनी के विरोध में निगम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन

तुरंत बहाल न करने पर सीधे संघर्ष का ऐलान
चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय के बाहर बुधवार को मांगों को लेकर धरना देते कर्मचारी। -हप्र
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फेडरेशन आफ यूटी एम्पलाईज एंड वर्कर्स चंडीगढ़ के आह्वान पर बुधवार को नगर निगम के पब्लिक हेल्थ विभाग में पिछले 10-12 साल से काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी के विरोध में नगर निगम कार्यालय सेक्टर 17 के सामने धरना दिया गया। धरने की अध्यक्षता फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेंद्र कटोच, उप प्रधान हरकेश चंद, अमरीक सिंह, रणजीत सिंह, तोपलान, नसीब सिंह, तरुण जैसवाल, हरपाल सिंह की अध्यक्षता में गठित अध्यक्ष मंडल ने की। धरने में बिजली, पानी, रोड, बागवानी, सड़क, इलेक्ट्रिकल, समाज कल्याण, एमसी मनीमाजरा, हेल्थ परिवहन, महिला व बाल विकास, सॉलिड वेस्ट, कजौली वाटर वर्क्स समेत तमाम यूटी व एमसी के अलग-अलग विभागों के कर्मचारी शामिल थे। धरने में पेंशनर एसोसिएशन से जुड़े कर्मियों और महिला कर्मियों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।

फेडरेशन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी, संयुक्त सचिव एम.एम सुब्रमण्यम, बिहारी लाल, एम राजेंद्रन, रणजीत सिंह, राम दुलार, हरपाल सिंह, प्रेमपाल ने कर्मचारियों को निकालने की निंदा की करते हुए कहा कि एमसी के कर्मचारियों की समय पर वेतन देने, रिटायर कर्मचारियों को पे फिक्स कर एरियर का भुगतान करने, बायोमीट्रिक हाजिरी सिस्टम खत्म करने, आउटसोर्स कर्मचारियों को दो से तीन महीने से रुके वेतन का भुगतान करने सहित अन्य मांगें भी काफी लंबे समय से पेंडिंग पड़ी हैं जिन पर निगम अधिकारी कोई भी गौर करने को तैयार नहीं हैं। इस कारण कर्मचारियों में बेचैनी का माहौल है। लेकिन निगम प्रशासन ने कर्मचारियों की लंबित मांगों को हल करने की बजाय 10-12 साल से अधिक समय से कार्य कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को बिना नोटिस दिए नौकरी से निकाल कर आग में घी डालने का काम किया है। राजेंद्र कटोच, हरकेश चंद, रणजीत सिंह, अमरीक सिंह तोपलान, नसीब सिंह ने चेतावनी दी कि अगर निगम ने कर्मचारियों को निकालने के फैसले को रद्द कर तुरंत प्रभाव से उन्हें ड्यूटी पर नहीं लिया तो फेडरेशन अगले हफ्ते ही अपनी विस्तारित मीटिंग कर सीधे संघर्ष का ऐलान करेगी जिसमें सभी विभागों में काम के बहिष्कार का फैसला लिया जाएगा। धरने के दौरान अतिरिक्त कमिश्नर सुमित सिहाग ने आकर मांगों का ज्ञापन लिया।

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