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चंडीगढ़ में बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि का विरोध

चंडीगढ़ व्यापार मंडल (सीबीएम) ने केंद्र शासित प्रदेश में बिजली दरों में किसी भी प्रकार की प्रस्तावित वृद्धि का कड़ा विरोध जताया है। शुक्रवार को मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें संजीव चड्ढा (अध्यक्ष), चरणजीव सिंह (चेयरमैन), बलविंदर...
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चंडीगढ़ व्यापार मंडल (सीबीएम) ने केंद्र शासित प्रदेश में बिजली दरों में किसी भी प्रकार की प्रस्तावित वृद्धि का कड़ा विरोध जताया है। शुक्रवार को मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें संजीव चड्ढा (अध्यक्ष), चरणजीव सिंह (चेयरमैन), बलविंदर सिंह (महासचिव), राधे बजाज (वित्त सचिव) तथा नवदीप शर्मा शामिल थे, ने संयुक्त विद्युत नियामक आयोग से मुलाकात की। संजीव चड्ढा ने कहा कि वर्तमान समय में बिजली दरों में किसी भी प्रकार की वृद्धि की आवश्यकता नहीं है, विशेषकर तब जब ईंधन मूल्य और विद्युत खरीद लागत समायोजन पहले ही 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जा चुका है।

ऐसी स्थिति में एक और बढ़ोतरी अनुचित है और इससे शहर के व्यापारियों एवं उपभोक्ताओं पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी जिसने हाल ही में शहर की बिजली आपूर्ति का कार्यभार संभाला है, अब दरों में वृद्धि की मांग कर रही है। यह कदम अनुचित है और उन उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं के विपरीत है, जिन्होंने निजीकरण के बाद बेहतर सेवाओं की उम्मीद की थी, न कि अतिरिक्त बोझ की।

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लक्की ने कहा - आंदोलन छेड़ेगी कांग्रेस

चंडीगढ़ कांग्रेस ने शहर में बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी को लालच से प्रेरित एक निजी कंपनी द्वारा जनता के पैसों की खुली लूट करार दिया है। चंडीगढ़ प्रशासन ने फरवरी 2025 में एक विवादास्पद सौदे में जनता के भारी विरोध के बीच चंडीगढ़ का बिजली विभाग और उसकी कीमती अचल संपत्ति इस निजी कम्पनी को सौंप दी थी। चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एच.एस. लक्की ने शुक्रवार को कहा कि प्रस्तावित बढ़ोतरी अनुचित, जनविरोधी और भाजपा नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा उन आम लोगों, छोटे व्यवसायियों और दुकानदारों की कमर तोड़ने का एक प्रयास है, जो पहले से ही बढ़ती महंगाई, आर्थिक मंदी और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। चंडीगढ़ कांग्रेस ने दरों में वृद्धि के औचित्य पर भी सवाल उठाया, जबकि केंद्र शासित प्रदेश के बिजली खरीद समझौतों में लागत में कोई बड़ी वृद्धि नहीं हुई है और निजीकरण के बाद बिजली विभाग का प्रदर्शन औसत से भी कम रहा है। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के सचिव अजय कुमार सहित कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने जेईआरसी की खुली सुनवाई में प्रस्तावित वृद्धि का विरोध दर्ज कराया। लक्की ने प्रशासन और सीपीडीएल को चेतावनी दी कि अगर जेईआरसी प्रस्तावित वृद्धि को मंजूरी देता है, तो कांग्रेस शहर में आंदोलन शुरू करेगी।

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