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‘सी’ रोड की मैकेनिकल सफाई का प्रस्ताव खारिज, कूड़ा प्रबंधन के लिए अब 30 करोड़ का एस्टीमेट

मोहाली नगर निगम की बैठक में कई अहम फैसले
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मोहाली नगर निगम की शुक्रवार को हुई मीटिंग के दौरान कचरे की समस्या बारे हाथों में प्ले कार्ड लेकर विरोध जताते पार्षद। -ट्रिन्यू
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नगर निगम मोहाली की जनरल हाउस मीटिंग शुक्रवार को मेयर कुलवंत सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में शहर की अंदरूनी ‘सी’ रोड की मैकेनिकल सफाई का प्रस्ताव बहुमत से खारिज कर दिया गया। हालांकि आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इसे लागू करने के पक्ष में नोट दर्ज करवाया। फिलहाल नगर निगम केवल ‘ए’ और ‘बी’ रोड की ही मैकेनिकल सफाई करवा रहा है। बैठक के दौरान डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी और पूर्व डिप्टी मेयर मंजीत सिंह सेठी के बीच शहर में कूड़े कचरे की समस्या को लेकर तीखी नोकझोंक भी हुई।

कचरा प्रबंधन पर नया अनुमान

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर लोगों के घरों से प्रोफेशनली कूड़ा इकट्ठा करने के लिए नया अनुमान पेश किया गया। पहले अनुमान 2079.24 लाख रुपये का था, जिसे जांच समिति ने 2213.74 लाख रुपये किया। अब बढ़ती जनसंख्या और जरूरतों के अनुसार इसे बढ़ाकर 2993.40 लाख रुपये कर दिया गया। इसमें 700 घरों पर एक मिनी टिपर, ड्राइवर व हेल्पर रखने की योजना है। साथ ही, ई-रिक्शा गश्त और मोबाइल ऐप बारकोड सिस्टम से निगरानी भी की जाएगी। मीटिंग में कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली। इनमें सेक्टर 74 में निगम की ज़मीन की चारदीवारी पर 2.5 करोड़ और सेक्टर 91 में 13.30 एकड़ भूमि की बाउंड्री वॉल पर 2.43 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय शामिल है।

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मोहाली की शॉपिंग स्ट्रीट का होगा आधुनिक स्वरूप

सबसे अहम फैसला मोहाली की शॉपिंग स्ट्रीट (फेज-11 से फेज-6) को आधुनिक स्वरूप देने का रहा। इसके लिए सलाहकार नियुक्त कर पूरी सड़क की नई डिजाइन तैयार की जाएगी। यहां वॉकिंग व साइकिल ट्रैक, नई एलईडी लाइटें, बैठने के स्थान, हरियाली और पार्किंग की व्यवस्था होगी।

पार्षदों की मांग

पार्षद विनीत मलिक ने सवाल उठाया कि जब नगर निगम सोसाइटी वासियों से प्रॉपर्टी टैक्स लेता है और वे एमसी, एमएलए व एमपी को वोट भी देते हैं, तो फिर सोसाइटी के अंदर विकास कार्य क्यों नहीं किए जाते? कई पार्षदों ने सुझाव दिया कि जो ठेकेदार समय पर काम शुरू नहीं करते या अधूरा छोड़ देते हैं, उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाए। पार्षद कुलवंत सिंह कलेर ने कहा कि सड़कों के बीच पुरानी ग्रिलों की जगह नयी लगाने के लिए 8 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं जबकि कूड़ा प्रबंधन के लिए कुछ नहीं किया गया।

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