विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 18 अप्रैल
बिल्डिंग मिसयूज और वायलेशन की पेनल्टी के नए प्रस्तावित रेट के खिलाफ चंडीगढ़ व्यापार मंडल (सीबीएम) के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को यूटी सचिवालय में दस्तक दी और आपत्तियां दर्ज कराईं और सुझाव दिए। सीबीएम ने प्रशासन के संशोधन के प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया।
प्रतिनिधिमंडल में सीबीएम के प्रधान चरणजीव सिंह, विनोद जोशी, दिवाकर साहूंजा, सुभाष नारंग के अलावा सीबीएम की बिल्डिंग बायलॉज कमेटी के सदस्यों ने संयुक्त सचिव संपदा सौरभ जोशी को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि यूटी प्रशासन ने जुर्माना दरें काफी बढ़ा दीं, जोकि अस्वीकार्य हैं। इसमें परिवर्तन की आवश्यकता है। इसके लिए समिति का गठन किया जाए। ज्ञापन में कहा कि जुर्माना राशि 500 से बढ़ाकर दो लाख रुपए करने का प्रस्ताव दिया गया है, जोकि गलत है। इसके बाद 8 हजार रुपए प्रतिदिन का जुर्माना बहुत अधिक है। व्यापारियों ने कहा कि दो साल से अधिक कोरोना का कहर रहा, इस दौरान उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा। उनकी वित्तीय स्थिति काफी खराब है। सीबीएम इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज करती है। यह अनुचित है और पड़ोसी राज्यों की तुलना में काफी अधिक है।
इसके अलावा पानी, बिजली पर 5 प्रतिशत वार्षिक बढ़ोतरी नहीं की जानी चाहिए। दैनिक आधार पर जुर्माना लगाया जाना भी गलत है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सीबीएम चंडीगढ़ प्रशासन के संशोधित प्रस्तावित कानून का विरोध करता है। ज्ञापन में कहा गया कि चंडीगढ़ प्रशासन को व्यापार मंडल के सुझावों पर विचार करना चाहिए और अपना फैसला वापस लेना चाहिए। सीबीएम के अध्यक्ष चरणजीव सिंह ने कहा कि शहर में बिल्डिंग मिसयूज और वायलेशन को रोकने के लिए समिति का गठन होना चाहिए। यूटी प्रशासन कैपिटल ऑफ पंजाब (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट-1952 में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया हुआ है।
मेयर ने कहा था हम व्यापारियों के साथ
चंडीगढ़ कोआर्डिनेशन कमेटी ने शनिवार को मेयर सबरजीत कौर और डिप्टी मेयर से मुलाकात की थी। पंजाब (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट-1952 में संशोधन के लिए यूटी प्रशासन के सार्वजनिक नोटिस दिए जाने का विरोध जताया था। इस मामले में मेयर ने कमेटी को आश्वासन दिया कि वह उनके साथ है।
2007 में 10 रुपये थी पेनल्टी
इस प्रस्ताव से पहले वर्ष 2007 में बिल्डिंग मिसयूज और वायलेशन पेनल्टी में भारी बढ़ोरती की गई थी। वर्ष 2007 से पहले यह पेनल्टी महज 10 रुपए थी, जिसे बढ़ाकर 500 रुपए कर प्रति स्क्वायर फीट प्रति माह कर दिया गया था। इसके साथ ही शहर के कारोबारियों और उद्योगपतियों को करोड़ों रुपए के नोटिस भी भेजे गए थे। सबसे ज्यादा नोटिस मध्य मार्ग और सेक्टर-34 के एरिया में भेजे गए थे। अभी मिसयूज चार्जेस छह रुपये प्रति स्क्वायर फीट प्रतिदिन के हिसाब से कमर्शियल और इंडस्ट्रियल बिल्डिग पर पेनल्टी लगती है, जबकि रेजिडेंशियल बिल्डिग के लिए यह पेनल्टी चार रुपये प्रति स्क्वायर फीट प्रतिदिन है।