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रजिस्टर्ड वसीयत के बाद भी प्रॉपर्टी ट्रांसफर अटका

गमाडा आफिस के चक्कर लगा रहे लोग

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गमाडा में प्रॉपर्टी ट्रांसफर से जुड़ी परेशानियां दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। शिकायतें सामने आई हैं कि पूरी तरह वैध और रजिस्टर्ड वसीयत होने के बावजूद भी आवेदकों को महीनों तक दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। पीड़ितों का आरोप है कि अधिकारी अतिरिक्त दस्तावेज़, सभी कानूनी वारिसों की मौजूदगी और लंबी प्रक्रियाएं थोपकर ट्रांसफर को जानबूझकर अटका देते हैं, जिससे अनावश्यक देरी, तनाव और कई बार विवाद भी पैदा हो जाते हैं। आवेदकों का कहना है कि यह रवैया निचले स्तर पर फैले भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।

लोगों का कहना है कि रजिस्टर्ड वसीयत को कानूनी रूप से संपूर्ण मान्यता प्राप्त होती है, फिर भी गमाडा में प्रक्रिया इसके उलट दिखाई देती है। वसीयतधारी से सभी वारिसों को बुलाने से लेकर अनावश्यक कागजात मांगने तक की मांगें लोगों को थका देती हैं। सवाल यह उठ रहा है कि जब रजिस्टर्ड वसीयत को ही मान्यता नहीं मिल रही, तो लोग इस पर समय और पैसा क्यों खर्च करें।

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विधायक कुलवंत सिंह बोले-जल्द होगा समाधान

विधायक कुलवंत सिंह ने कहा कि यह मामला एक बार फिर उनके संज्ञान में आया है और आने वाले कुछ दिनों में इसका पक्का समाधान करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि रजिस्टर्ड वसीयत रखने वाले किसी भी व्यक्ति को गमाडा के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उनके अनुसार, ‘आम आदमी पार्टी की सरकार वह है जो लोगों के घर जाकर काम करवाती है, न कि उन्हें परेशान करती है।’

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पहले भी शिकायतें, पर सुधार नहीं

कुछ महीने पहले भी यही मुद्दा उठाया गया था, जब पीड़ितों ने हल्का विधायक कुलवंत सिंह से मुलाकात की थी। विधायक ने हाउसिंग विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर समस्या के समाधान की मांग की थी। लेकिन वर्तमान स्थिति दर्शाती है कि गमाडा में ज़मीनी स्तर पर बदलाव नहीं हुआ और लोग पुराने ढर्रे में ही फंसे हुए हैं। ट्राइसिटी प्रॉपर्टी कंसल्टेंट फेडरेशन के उपाध्यक्ष भूपिंदर सिंह सभरवाल ने कहा कि परिवार के सदस्य के निधन के बाद लोग मानसिक रूप से पहले ही टूटे होते हैं और ऐसे समय में गमाडा द्वारा उन्हें और परेशान करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि उन्होंने यह मुद्दा हाल ही में हुए समस्या निवारण कैंप में मुख्य प्रशासक साक्षी साहनी के सामने भी उठाया था।

क्या कहता है गमाडा प्रशासन

मुख्य प्रशासक साक्षी साहनी ने बताया कि गमाडा बिज़नेस प्रोसेसिंग री-इंजीनियरिंग पर काम कर रहा है, जिसके तहत पुरानी प्रक्रियाओं की समीक्षा की जा रही है। लक्ष्य है कि देरी पैदा करने वाले तत्वों को हटाया जाए और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाया जाए।

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