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प्रिंसटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने किया पीयू का दौरा

चंडीगढ़, 20 मार्च (ट्रिन्यू) इंडिया-एचएसएफ (इंडिया-हाई एनर्जी एंड सॉफ्टवेयर फ्रेमवर्क) प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड लैंग और पीटर एल्मर ने आज पंजाब यूनिवर्सिटी का दौरा किया। भारत-एचएसएफ परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य कण,...
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चंडीगढ़, 20 मार्च (ट्रिन्यू)

इंडिया-एचएसएफ (इंडिया-हाई एनर्जी एंड सॉफ्टवेयर फ्रेमवर्क) प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड लैंग और पीटर एल्मर ने आज पंजाब यूनिवर्सिटी का दौरा किया। भारत-एचएसएफ परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य कण, परमाणु और खगोल भौतिकी प्रयोगों की भविष्य की आवश्यकताओं को संबोधित करने के उद्देश्य से एक मजबूत सॉफ्टवेयर अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देना है। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने पंजाब यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. रेनू विग से भी बातचीत की। इस पहल के लिए अपना समर्थन देते हुए प्रो. विग ने समूह को सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया, दोनों संस्थानों के लिए इसके पारस्परिक लाभों और छात्र विकास को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘भारत-एचएसएफ परियोजना हमारे छात्रों और शिक्षकों को प्रिंसटन यूनिवर्सिटी जैसे वैश्विक संस्थानों के सहयोग से अकादमिक उत्कृष्टता बढ़ाने के साथ-साथ अत्याधुनिक अनुसंधान में शामिल होने का एक असाधारण अवसर प्रदान करती है।’

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इस दौरान प्रो. डेविड लैंग और प्रो. पीटर एल्मर ने यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूआईईटी) में एक व्याख्यान भी दिया, जहां उन्होंने अनुसंधान के क्षेत्र और वैज्ञानिक प्रयोग के भविष्य को आकार देने की इसकी क्षमता के बारे में अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने यूआईईटी के इंजीनियरिंग छात्रों और संकाय के साथ भी बातचीत की और उन्हें अल्पकालिक और दीर्घकालिक अनुसंधान अवसरों के लिए भारत-एचएसएफ परियोजना में शामिल होने पर विचार करने के लिए प्रेरित किया। यूआईईटी के छात्रों ने कण, परमाणु और खगोल भौतिकी के क्षेत्र में अत्याधुनिक शोध में भाग लेने की संभावना के बारे में उत्साह व्यक्त किया। ऐसे प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से मूल्यवान व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने की क्षमता ने उन्हें वैज्ञानिक नवाचार के भविष्य की एक झलक प्रदान की। कार्यक्रम का आयोजन यूआईईटी के एप्लाइड साइंसेज विभाग के निदेशक एवं प्रोफेसर प्रोफेसर संजीव पुरी के मार्गदर्शन में किया गया था।

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