जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 10 अप्रैल
पंजाब विश्वविद्यालय के गणित विभाग के चेयरपर्सन पद से इस्तीफा देने वाले प्रोफेसर दिनेश खुराना पीयू के बाबूडम से खासे परेशान हैं। प्रो. खुराना बोले कि पीए दलजीत सिंह का ट्रांसफर तो इस सारे प्रकरण का मात्र एक ट्रिगर प्वाइंट है। उन्होंने कहा कि दलजीत के तबादले से या रजिस्ट्रार विक्रम नैयर से उन्हें कोई खास परेशानी नहीं है बल्कि वे टीचर्स की गरिमा और सम्मान पर लगातार हो रही चोट से आहत है। सीक्रेसी ब्रांच कभी उन्हें फोन न करने को कहती है तो कभी किसी और विभाग का डीआर उन्हें इस्तीफा भेज देने की सलाह देता है और खुद उसे आगे फारवर्ड कर देने का अहसान भी उन पर ही लाद देता है। उन्होंने बताया कि प्रशानिक ब्लॉक के कर्मचारी और अधिकारी और वे खुद एवं उनका विभाग अलग-अलग पेज पर हैं जिसके चलते वे न तो विभाग का ही भला कर पा रहे हैं और न ही चेयर की गरिमा बचा पा रहे हैं। उलटा उनका एकेडमिक कामकाज और शोध भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने दोहराया कि रजिस्ट्रार से मिलने के लिये उन्होंने अपने सुप्रिंटेंडेंट से फोन कराया था मगर उन्हें मिलने का समय नहीं मिला और आफिस की ओर से फोन पर ही बात करने को कहा गया।
प्रो. खुराना ने माना कि ट्रासंफर रूटीन मैटर है लेकिन यह तबादला गलत समय पर हो रहा है। उन्होंने रजिस्ट्रार को लिखे पत्र में कहा था कि नैक टीम आने वाली है, डीएसटी-फिस्ट से 90 लाख की एक ग्रांट भी आने वली है और ऐसे ही अन्य मसलों सहित कुल 11 बिंदुओं का हवाला दिया था। एक बार अगर वरिष्ठ अधिकारी उनकी बात सुन लेते तो अच्छा रहता है, फिर चाहे फैसला जो भी लेते।
पीयू सीनेट की बैठक 26 को
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : पंजाब विश्वविद्यालय के चांसलर द्वारा फैकल्टी के छह सदस्यों के चुनाव को रद्द करने की घोषणा के साथ ही पीयू में घटनाक्रम तेज हो गया है। कुलपति ने सीनेटरों को सारे घटनाक्रम से अवगत कराने और चुनाव बारे कोई फैसला लेने के लिये 26 अप्रैल को बाद दोपहर दो बजे सीनेट की आफलाइन मीटिंग बुलायी है। पीयू की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है जो सदस्य आफलाइन मीटिंग में नहीं आ सकते हैं उनके लिये आनलाइन इसमें शामिल होने का विकल्प भी दिया जा रहा है। इसी महीने फैकल्टी की छह सीटों को नोटिफाई करने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई भी होनी है। अभी तक तो मामला नोटिफाई किये जाने को लेकर चल रहा था लेकिन अब बदले हालात में बात चुनाव फिर से कराने तक पहुंच गयी है।