PGI Chandigarh के प्रो. सोनू गोयल टॉप 0.5% वैश्विक शोधकर्ताओं में शामिल
विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 21 जून
PGI Chandigarh के सामुदायिक चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर डॉ. सोनू गोयल ने एक और उपलब्धि अपने नाम की है। उन्हें प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मंच ScholarGPS 2024 द्वारा दुनिया के शीर्ष 0.5% शोधकर्ताओं में शामिल किया गया है। यह सम्मान उन्हें उनके शोध की गुणवत्ता, वैश्विक प्रभाव और सामाजिक योगदान को देखते हुए दिया गया है।
ScholarGPS प्लेटफॉर्म दुनिया के 3 करोड़ से अधिक वैज्ञानिकों का विश्लेषण कर हर वर्ष सबसे प्रभावशाली शोधकर्ताओं की सूची जारी करता है। प्रो. गोयल को यह स्थान सार्वजनिक स्वास्थ्य, तंबाकू नियंत्रण और नेतृत्व विकास जैसे क्षेत्रों में उनके असाधारण योगदान के लिए मिला है। वह टीबी क्षेत्र में शीर्ष 2.96%, तंबाकू में 1.05% और प्राथमिक चिकित्सा में 2.83% शोधकर्ताओं में गिने जाते हैं।
270 से अधिक शोधपत्र, 96 देशों के नीति-निर्माताओं को प्रशिक्षण
प्रो. गोयल अब तक 270 से अधिक शोधपत्रों के लेखक हैं, जिनमें कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हुए हैं। वह इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम के निदेशक हैं, जिसे विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से चलाया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत वह बीते 9 वर्षों में 96 देशों के 1,400 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों और नीति-निर्माताओं को प्रशिक्षित कर चुके हैं।
WHO से लेकर जॉन्स हॉपकिन्स तक, मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान
तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में प्रो. गोयल का कार्य उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने 2016 में नेशनल रिसोर्स सेंटर फॉर टोबैको कंट्रोल की स्थापना की, जिसे 2022 में WHO के महानिदेशक पुरस्कार से नवाज़ा गया। वह भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गठित साइंटिफिक सपोर्ट ग्रुप के संयोजक भी हैं।
प्रो. गोयल को जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (अमेरिका), मास्ट्रिच यूनिवर्सिटी (नीदरलैंड्स), स्वानसी यूनिवर्सिटी (यूके) और यूनिवर्सिटी ऑफ लिमरिक (आयरलैंड) जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से मानद उपाधियाँ और फैलोशिप मिल चुकी हैं।
अनेक राष्ट्रीय सम्मान भी जुड़े नाम से
- 'Public Health Excellence of India' अवॉर्ड (2016)
- PGIMER चंडीगढ़ द्वारा सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता सम्मान (दो बार)
- वासुदेवा ऑरेशन, डॉ. हरचरण सिंह ऑरेशन (आईएपीएसएम)
- डॉ. जे.ई. पार्क ऑरेशन (आईपीएचए) — यह सम्मान पाने वाले देश के सबसे युवा वैज्ञानिक
प्रो. गोयल अब तक 45 से अधिक देशों की यात्रा कर अपने शोध और नवाचारों को साझा कर चुके हैं। उनका संपूर्ण करियर सार्वजनिक स्वास्थ्य को समर्पित है और वैश्विक मानव कल्याण को दिशा देने वाला है।