postpartum physiotherapy प्रसव के बाद हर तीसरी महिला झेलती है स्वास्थ्य समस्या
postpartum physiotherapy प्रसव के बाद महिलाओं में स्वास्थ्य समस्याएं आम हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, फिजियोथेरेपी इन दिक्कतों का प्रभावी और सुरक्षित समाधान है। आंकड़ों के मुताबिक, हर तीसरी महिला डिलीवरी के बाद पेल्विक फ्लोर की कमजोरी, पीठ दर्द, डायस्टेसिस रेक्टी और शारीरिक मुद्रा संबंधी परेशानियों से गुजरती है।
सी-सेक्शन और नॉर्मल डिलीवरी दोनों में लाभदायक
कंसल्टेंट फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. अरविन कौर ने बताया कि सी-सेक्शन कराने वाली महिलाओं के लिए फिजियोथेरेपी दर्द कम करने, गतिशीलता लौटाने और घाव भरने की प्रक्रिया तेज करने में मदद करती है। वहीं, नॉर्मल डिलीवरी के बाद यह पेल्विक फ्लोर को मजबूत करती है और परिनियल असुविधा को घटाती है।
रिसर्च से भी पुष्टि
जर्नल ऑफ क्लिनिकल मेडिसिन (2022) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सी-सेक्शन के बाद फिजियोथेरेपी अपनाने वाली महिलाओं में दर्द करीब 40 प्रतिशत तक कम हुआ और वे सामान्य दिनचर्या में जल्दी लौट आईं।
कब और कैसे शुरू करें फिजियोथेरेपी
डॉ. कौर के अनुसार, नॉर्मल डिलीवरी के 12 घंटे बाद हल्के व्यायाम शुरू किए जा सकते हैं, जबकि सी-सेक्शन के मामले में चिकित्सकीय अनुमति मिलने पर फिजियोथेरेपी अपनाना सुरक्षित है। उन्होंने कहा, "जितनी जल्दी शुरुआत होगी, उतने ही अच्छे परिणाम मिलेंगे।"
शुरुआत श्वसन और रक्तसंचार व्यायाम से होती है। इसके बाद कोर और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज जोड़ी जाती हैं और धीरे-धीरे शक्ति प्रशिक्षण शामिल किया जाता है। इससे महिलाओं को शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक और भावनात्मक मजबूती भी मिलती है।
महिलाओं के लिए दीर्घकालिक लाभ
डॉ. कौर का कहना है कि खासकर चंडीगढ़ जैसे शहरी इलाकों में, जहां महिलाएं घरेलू और पेशेवर जिम्मेदारियों को साथ निभाती हैं, समय पर फिजियोथेरेपी अपनाने से लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। इससे महिलाएं आत्मविश्वास और आराम के साथ अपनी दिनचर्या में वापसी कर पाती हैं।