ओजोन संरक्षण दिवस पर पोस्टर प्रतियोगिता, PGGC-11 के छात्रों ने दिया धरती बचाने का संदेश
Ozone Layer धरती की जीवनदायिनी ढाल यानी ओजोन परत की रक्षा के संदेश को लेकर पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज, सेक्टर-11 (PGGC-11) चंडीगढ़ की पर्यावरण जागरूकता सोसायटी उर्वी ने एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया। यह कार्यक्रम पर्यावरण विभाग, चंडीगढ़ प्रशासन के सहयोग से हुआ। इसका विषय ‘विज्ञान से वैश्विक कार्यवाही तक’ था। छात्रों ने अपनी रचनात्मकता और कला के माध्यम से यह दिखाया कि आने वाली पीढ़ी पर्यावरण संरक्षण को लेकर कितनी सजग और प्रतिबद्ध है।
वियना सम्मेलन की 40वीं वर्षगांठ
इस वर्ष का आयोजन खास रहा क्योंकि 2025, वियना सम्मेलन की 40वीं वर्षगांठ है। 1985 में अपनाए गए इस सम्मेलन और इसके बाद लागू हुए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने ओज़ोन-क्षयकारी पदार्थों पर अंकुश लगाने में विश्व स्तर पर विज्ञान और सामूहिक प्रयासों की भूमिका को स्थापित किया।
70 छात्रों की भागीदारी
प्रतियोगिता में लगभग 70 छात्रों ने भाग लिया और अपने पोस्टरों के माध्यम से ओज़ोन संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और सतत जीवनशैली जैसे संदेशों को विचारोत्तेजक ढंग से प्रस्तुत किया। प्रत्येक प्रविष्टि ने यह दिखाया कि कला, विज्ञान और जिम्मेदारी का संगम समाज को बदलने में कितना प्रभावी हो सकता है।
निर्णायक मंडल में डॉ. राजेन्द्र स्वरन (रसायन विभाग), डॉ. विधि मान (भौतिकी विभाग) और डॉ. स्मिता (जैव प्रौद्योगिकी विभाग) शामिल रहे। उन्होंने छात्रों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण और कलात्मक अभिव्यक्ति की सराहना की।
विजेता छात्र
- पहला पुरस्कार – पलक शर्मा
- दूसरा पुरस्कार – सृष्टि पॉल
- तीसरा पुरस्कार – खुशप्रीत कौर
- सांत्वना पुरस्कार : खुशी, श्रुति और प्रेति डढवाल
कॉलेज प्राचार्य प्रो. डॉ. जेके सिगल ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि ‘ओजोन परत पृथ्वी के जीवन की सुरक्षा कवच है। इसे बचाना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।
संकाय सदस्यों रंजना शर्मा, डॉ. विनय, डॉ. राजकुमार हीरोइजे, डॉ. शकहा शारदा और डॉ. ललिता – ने भी छात्रों को प्रेरित किया और नवीकरणीय ऊर्जा तथा पर्यावरणीय संरक्षण को जीवनशैली का हिस्सा बनाने पर बल दिया।