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Poetic Gathering कविताओं की महफिल: सेक्टर 11 कॉलेज में गूंजे अल्फाज़ और अहसास

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सेक्टर 11, चंडीगढ़ का सभागार कविता और शायरी की गूंज से सराबोर हो गया। अवसर था कवि सम्मेलन और मुशायरे का, जहां शब्दों ने संगीत का रूप लिया और भावनाओं ने पंख फैलाकर श्रोताओं के दिलों को...

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राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सेक्टर 11, चंडीगढ़ का सभागार कविता और शायरी की गूंज से सराबोर हो गया। अवसर था कवि सम्मेलन और मुशायरे का, जहां शब्दों ने संगीत का रूप लिया और भावनाओं ने पंख फैलाकर श्रोताओं के दिलों को छू लिया। यह आयोजन महाविद्यालय के हिंदी विभाग और ‘इबारत, द राइटर्स आर्ट इंटरनेशनल लिटरेरी ऑर्गनाइजेशन’ के संयुक्त प्रयासों से हुआ।

कार्यक्रम में वरिष्ठ कवयित्री एवं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी उषा आर. शर्मा की साहित्यिक गरिमा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रमुख संजीव कुमार का प्रोत्साहन और यूटी चंडीगढ़ के उप-मंडल अभियंता सतीश चौधरी की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष आयाम दिया। प्राचार्य प्रो. जे. के. सहगल और संकाय अध्यक्ष दीपशिखा ने इस सांस्कृतिक यात्रा को और भी ऊर्जावान बना दिया।

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प्राचार्य प्रो. जेके सहगल ने कहा कि ‘हिंदी हमारी आत्मा की भाषा है, इसे युवाओं तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है।’ हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. पूनम ने अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन और माँ सरस्वती वंदना से हुआ। उस पावन क्षण ने पूरे सभागार को ज्ञान और संस्कृति के आलोक से भर दिया।

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कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीतू बंसल, मंजू चौहान और नवीन नीर ने सहजता और आत्मीयता के साथ किया। प्राध्यापकों, कर्मचारियों और छात्रों की उपस्थिति ने इस आयोजन को यादगार बना दिया।

कविता और शायरी का संगम

कविता की गंभीरता और शायरी की नज़ाकत ने जब एक साथ सुर छेड़े तो माहौल साहित्यिक जादू से भर गया।

प्रो. रहमान मुसव्विर की कविताओं में समाज की गहरी झलक दिखाई दी। नवीन नीर ने भावनाओं को तरलता दी।

मनु बदायुनी की ग़ज़लों में प्रेम और दर्द की महीन परछाइयां थीं। डॉ. तिलक सेठी ने व्यंग्य के तीर से श्रोताओं को हँसाया, तो डॉ. मंजू चौहान ने संवेदनाओं को नए अर्थ दिए। अरफात अहमद, सुरेन्द्र सिंगला, प्रदीप चतुर्वेदी और धीरज शर्मा ने कविता की विविध धाराएं प्रस्तुत कीं। सतीश पॉपुलर, विकास विद्रोही और दीप प्रदीप ने अपने अल्फाज़ों से सोच की लौ जगाई। बाल कवि शिवेन गर्ग ने अपनी मासूम रचनाओं से माहौल को नई ताजगी दी।

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