फार्माकोलॉजी का महाकुंभ आज से शुरू, 2000 वैज्ञाानिकों का होगा जमावड़ा
पंजाब यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसिज (यूआईपीएस) में बृहस्पतिवार से दुनिया के सबसे बड़े फार्माकोलॉजी सम्मेलनों में से एक का भव्य शुभारंभ होने जा रहा है। 55वें भारतीय फार्माकोलॉजी सोसाइटी के वार्षिक सम्मेलन और अंतरराष्ट्रीय फार्माकोलॉजी सम्मेलन (आईपीसी-आईपीएसकॉन 2025) का आगाज़ होने जा रहा है, जिसमें 10 देशों से लगभग 2000 शोधकर्ता, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं। तीन दिन तक चलने वाले इस महासम्मेलन का थीम है, युवा दिमागों को सशक्त बनाओ, फार्माकोलॉजी को बदलो, विकसित भारत बनाओ। यानी अब भारत सिर्फ दवाइयाँ खरीदने वाला देश नहीं, बल्कि दुनिया को दवाइयाँ देने वाला सबसे बड़ा केंद्र बनेगा। इसका उद्देश्य युवाओं को फ़ार्माकोलॉजी के क्षेत्र में नवाचार और नेतृत्व के लिए प्रेरित करना है, ताकि भारत को वैश्विक फ़ार्मास्यूटिकल हब के रूप में स्थापित किया जा सके। इसी संकल्प के साथ यह आयोजन हो रहा है। 18-19 नवंबर को पशु परीक्षण के नए विकल्प: उभरती तकनीकें और उपकरण विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला हुई, जिसमें युवा शोधकर्ताओं को बिना जानवरों के दवा परीक्षण की आधुनिक तकनीकें सिखाई गई।
25 बड़े सिम्पोजियम, 270 से ज्यादा विशेषज्ञ वक्ता
सम्मेलन में 240 भारतीय और 30 विदेशी विशेषज्ञ अपने अनुभव बांटेंगे। दवा कंपनियाँ, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), उद्यमिता, नियामक मामले, क्लिनिकल प्रैक्टिस और अकादमिक जगत के दिग्गज मंच पर होंगे। क्विज़, मौखिक प्रस्तुति, पोस्टर प्रदर्शनी, नेटवर्किंग सेशन और दवा कंपनियों की भव्य प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। उद्घाटन समारोह में कनाडा के सेंटर फॉर दी एडवांसमेंट ऑफ मेडिसन के मशहूर वैज्ञानिक डॉ. नरंजन एस. धल्ला मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे, जबकि आयुर्वेदिक एवं यूनानी दवा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम) के महानिदेशक डॉ. एन. ज़हीर अहमद सम्मानित अतिथि बनेंगे।
प्रो. एस.के. कुलकर्णी को मिलेगा लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एमेरिटस डॉ. एस.के. कुलकर्णी को मस्तिष्क और मानसिक रोगों की दवाओं (न्यूरोसाइकोफार्माकोलॉजी) में आजीवन योगदान के लिए सर्वोच्च सम्मान दिया जाएगा। इसके अलावा फेलो ऑफ आईपीएस, फार्मा रतन अवॉर्ड और युवा शोधकर्ताओं को सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति पुरस्कार भी दिए जाएंगे। पहले दिन का समापन शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम और डिनर के साथ होगा, जिसमें दुनिया भर से आए वैज्ञानिक एक-दूसरे से जुड़ेंगे। 22 नवंबर को लॉ ऑडिटोरियम में भव्य समापन समारोह और पुरस्कार वितरण के साथ यह ऐतिहासिक सम्मेलन संपन्न होगा।
