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फार्मा फेडरेशन ने उद्योग से जुड़े मुद्दों पर किया मंथन

आईपीएफ ने 22 सदस्यों की कोर कमेटी नियुक्त की

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पंचकूला में बृहस्पतिवार को आयोजित इंटरनेशनल फार्मा फेडरेशन की बैठक में भाग लेते सदस्य। हप्र
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इंटरनेशनल फार्मा फेडरेशन (आईपीएफ) की महत्वपूर्ण बैठक इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में आयोजित की गई, जिसमें फार्मा उद्योग से जुड़े कई अहम मुद्दों पर व्यापक मंथन हुआ।

बैठक की शुरुआत आयोजन मनोज निगम ने संगठन के उद्देश्य, इसकी बढ़ती प्रभावशीलता और सामूहिक शक्ति को मजबूत करने पर जोर देते हुए की।

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अध्यक्ष गुलशन रावत ने फार्मा इंडस्ट्री के सामने खड़ी मौजूदा चुनौतियों और उनके व्यावहारिक समाधान पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सरकारी विभागों द्वारा जारी हालिया नोटिफिकेशन, संशोधनों और मानकों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि गुणवत्ता मानकों का पालन फार्मा मैन्युफैक्चरिंग तथा जीएसटी दोनों क्षेत्रों के लिए सर्वोपरि है। प्रवक्ता सुरेंद्र राठी ने आईपीएफ के सामाजिक सरोकारों का उल्लेख किया, विशेषकर पंजाब में बाढ़ के दौरान किए गए सेवा कार्यों का। उन्होंने नए जीएसटी प्रावधानों, बिलिंग फॉर्मेट में बदलावों और इन मामलों में ड्रग कंट्रोलर हरियाणा ललित गोयल और पंजाब के ड्रग कंट्रोलर संजीव गर्ग सहित कई अधिकारियों से प्राप्त समर्थन की जानकारी दी।

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बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आईपीएफ आने वाले समय में फार्मा उद्योग के हितों की रक्षा, सदस्यता विस्तार और गुणवत्ता सुधार के प्रयासों को और मजबूत करेगा। इस मौके पर कोर कमेटी के उपाध्यक्ष अंकुज खन्ना, सौरभ जुनेजा, सज्जन कुमार, चेयरमैन संजय सिन्हा, मनोज निगम सहित वर्किंग कमेटी सदस्य मनीत गोयल, नरेश सेठी, नीरज शारदा, सोनल राठी आदि मौजूद थे।

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