चंडीगढ़, 15 अप्रैल (ट्रिन्यू)
प्रतिवर्ष 30 लाख से अधिक रोगियों की उपस्थिति में अस्पताल परिसर में उच्च स्तर की सफाई सुनिश्चित करना एक कठिन काम है। इसके लिए मजबूत प्रतिबद्धता और अथक परिश्रम की जरूरत होती है। यह बात पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने स्वच्छता पखवाड़े के समापन पर आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि मैं हमारे मेहनती और समर्पित स्वच्छता कार्यकर्ताओं, हमारे ‘कर्मयोगियों’ की उनके निरंतर योगदान के लिए सराहना करता हूं। कार्यक्रम में स्वच्छता कर्मयोगियों को सम्मानित भी किया गया।
अस्पताल परिसर के भीतर साफ सुथरा वातावरण बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए निदेशक ने कहा कि एक अप्रैल से शुरू हुए स्वच्छता पखवाड़ा में सामूहिक प्रयास और व्यापक भागीदारी, सुरक्षित, स्वच्छ वातावरण बनाए रखने के लिए पीजीआईएमईआर की मजबूत प्रतिबद्धता दर्शाती है।
स्वच्छता को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ने वाले व्यक्तियों और टीमों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कर्मचारियों को प्रो. आरके राठो, डिप्टी डीन, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल, अस्पताल प्रशासन के वित्तीय सलाहकार वरुण अहलूवालिया की उपस्थित में सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में अस्पताल अधिकारियों, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, नर्सिंग अधिकारियों, हाउसकीपिंग और स्वच्छता कर्मचारियों समेत कई विभागों ने हिस्सा लिया।
डिप्टी डीन प्रो. आरके राठो ने कहा कि स्वच्छ वातावरण रोगियों के साथ कर्मचारियों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। स्वच्छता को जीवन का एक तरीका बनाने की आवश्यकता का समर्थन करते हुए प्रो. विपिन कौशल ने कहा कि स्वच्छता पखवाड़े की सफलता पूरे पीजीआई के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है।
नाटक के माध्यम से बताई उपलब्धियां
अस्पताल प्रशासन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. विजय ताड़िया ने एक आकर्षक प्रस्तुति के माध्यम से पूरे पखवाड़े में की गई कई पहलों को गिनाया, जिनमें स्वच्छता प्रतिज्ञा, स्वच्छता अभियान, पोस्टर बनाने की प्रतियोगिताएं, रंगोली, नारा लेखन, नृत्य, बच्चों की पेंटिंग प्रतियोगिता शामिल हैं। इस कार्यक्रम में एक भावपूर्ण और मधुर स्वच्छता गीत भी जारी किया गया।