PGIMER नर्सिंग छात्रों के मेले में छलका परोपकार, सेवा और संकल्प से रचा इतिहास
विवेक शर्मा
चंडीगढ़, 25 फरवरी
खुशबूदार पकवान, रंग-बिरंगी कला, रोमांचक खेल और परोपकार की भावना जब ये सब एक साथ किसी आयोजन में दिखे, तो समझ लीजिए कि कुछ खास हो रहा है! नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन (NINE), पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के वार्षिक मेले में यही देखने को मिला। लेकिन यह मेला सिर्फ मस्ती और मनोरंजन तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका मकसद जरूरतमंद मरीजों के लिए धन जुटाना था।
"सेवा का उत्सव, उमंग की सौगात"
दाल-बाटी-चूरमा, मक्के की रोटी-सरसों का साग जैसे पारंपरिक व्यंजनों की महक से लेकर रचनात्मक कला प्रदर्शनी, मजेदार खेल और आकर्षक स्टॉलों तक, हर गतिविधि में एक खास मकसद छिपा था- सेवा और सहायता।
नर्सिंग छात्रों ने अनोखे अंदाज में चैरिटी का संदेश दिया। किसी ने चाय बेचकर मरीजों की मदद के लिए फंड जुटाया, तो किसी ने हाथ से बनी चूड़ियां और पेंटिंग्स बेचकर योगदान दिया। स्टूडेंट्स की इस सोच और मेहनत ने मेले को एक नई ऊंचाई दी।
"जब नर्सिंग छात्र बने समाज सेवा के नायक"
इस भव्य आयोजन की शोभा बढ़ाने पहुंचे पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. विवेक लाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी। मेले में 1,000 से अधिक लोग शामिल हुए, जिनमें पीजीआई और जीएमसीएच-32 के कर्मचारी, छात्र और शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
निदेशक प्रो. विवेक लाल ने छात्रों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा, "यह सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज में सेवा और सहयोग की संस्कृति को मजबूत करने की मिसाल है। छात्रों ने दिखा दिया कि छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं।"
"परोपकार की नई लकीर खींच गए पीजीआई के छात्र"
यह मेला सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि "मनोरंजन-परोपकार" का आदर्श उदाहरण था। नर्सिंग छात्रों ने यह साबित कर दिया कि खुशियाँ बांटने से बढ़ती हैं। यह आयोजन न केवल जरूरतमंद मरीजों की सहायता करेगा, बल्कि समाज में सेवा और दान की संस्कृति को भी मजबूत करेगा।