PGI टेलीमेडिसिन विभाग को मिली वैश्विक पहचान, 13 देशों ने लिया अनुभव
चंडीगढ़ स्थित PGI का टेलीमेडिसिन विभाग अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का मॉडल सेंटर बनकर उभरा है। बुधवार को इक्वाडोर, इथियोपिया, घाना, केन्या, मलावी, मॉरीशस, नाइजीरिया, रवांडा, ताजिकिस्तान, युगांडा, उज्बेकिस्तान, जाम्बिया और जिम्बाब्वे सहित 13 देशों से आए प्रतिनिधिमंडल ने यहां का दौरा किया। यह विजिट भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और सी-डैक, मोहाली के सहयोग से आयोजित की गई।
PGI Telemedicine Department विभाग के प्रोजेक्ट लीड व कंसल्टेंट डॉ. अमित अग्रवाल ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए विभाग की प्रमुख पहलें साझा कीं। उन्होंने बताया कि विभाग ने लर्निंग मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (LMIS), टेली-एजुकेशन और क्लिनिकोपैथोलॉजिकल कॉन्फ्रेंस (CPC) को डिजिटल रूप से नए आयाम दिए हैं।
खास बात यह है कि सीपीसी के टेलीकास्ट अब इन देशों को भी उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि टेलीमेडिसिन विभाग को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हेल्थकेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेलीपैथोलॉजी के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) का दर्जा प्राप्त है, जिसके तहत कई महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट संचालित हो रहे हैं।
डॉ. ऋचा गुप्ता ने ई-संजीवनी 2.0 प्लेटफॉर्म के जरिये चल रही टेली-कंसल्टेशन सेवाओं की जानकारी दी और प्रतिनिधिमंडल को लाइव ई-प्रिस्क्रिप्शन की डेमोंस्ट्रेशन दिखाई। इस मौके पर डॉ. परमिंदर, डॉ. शगुन, डॉ. अनिल ई., डॉ. कन्या रानी, डॉ. अतुल अरोड़ा, डॉ. सुप्रिया और डॉ. मंजिंदर ने भी विभिन्न विशेषज्ञताओं पर चर्चा की।
कार्यक्रम में डॉ. अनिल चौहान, मानवी और पंकज पंत की भागीदारी रही। विदेशी विशेषज्ञों ने पीजीआईएमईआर की डिजिटल हेल्थ सेवाओं और इनोवेशन को विकासशील देशों के लिए प्रेरणादायी बताया।