PGI अस्पताल सिर्फ इलाज नहीं, सुशासन और नेतृत्व के भी मॉडल बनें: प्रो. श्रीनिवास
पीजीआई चंडीगढ़ में 5वें प्रो. आई.सी. पाठक स्मृति व्याख्यान एम्स दिल्ली के निदेशक ने दिये गुर
चंडीगढ़, 29 मार्च (ट्रिन्यू)
अस्पताल केवल इलाज के केंद्र नहीं, बल्कि कुशल प्रशासन और नेतृत्व के आदर्श भी होने चाहिए। एम्स नई दिल्ली के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास ने पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ में 5वें प्रो. आई.सी. पाठक स्मृति व्याख्यान में यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अस्पतालों में प्रशासनिक पारदर्शिता और सुशासन आवश्यक हैं, जिससे चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
अस्पतालों में हो प्रशासनिक पारदर्शिता
अपने व्याख्यान में प्रो. श्रीनिवास ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया, दवा और उपकरणों की खरीद, मरीजों की देखभाल, डॉक्टरों की कार्य परिस्थितियां और प्रशासनिक फैसलों में पारदर्शिता किसी भी संस्थान को उत्कृष्ट बना सकती हैं। उन्होंने कहा, "अगर अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर और कर्मचारी संतुष्ट होंगे, तो वे मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं दे पाएंगे।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अस्पतालों को सिर्फ इलाज केंद्र तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि उन्हें एक मॉडल प्रशासनिक संस्थान के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
CSR से अस्पतालों का कायाकल्प संभव
प्रो. श्रीनिवास ने अस्पतालों के विकास में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि अगर बड़ी कंपनियां और उद्योग चिकित्सा संस्थानों का सहयोग करें, तो गरीबों को मुफ्त इलाज, उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं और चिकित्सा अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सकता है।
225 से अधिक विशेषज्ञों ने सुना प्रेरणादायक व्याख्यान
इस व्याख्यान में 225 से अधिक चिकित्सा विशेषज्ञ उपस्थित थे, जबकि 100 से अधिक बाल शल्य चिकित्सकों ने टेलीमेडिसिन के माध्यम से ऑनलाइन भाग लिया। कार्यक्रम में पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने प्रो. आई.सी. पाठक के योगदान को याद किया और कहा कि उनका संस्थान निर्माण में दिया गया योगदान आज भी मार्गदर्शक बना हुआ है। वहीं, बाल शल्य चिकित्सा विभाग के प्रमुख प्रो. जे.के. महाजन ने प्रो. श्रीनिवास का परिचय दिया और उनके योगदान को रेखांकित किया।
अंत में डीन (एकेडमिक्स) प्रो. आर.के. राठो ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए एम्स और पीजीआईएमईआर जैसे प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के बीच सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे चिकित्सा शिक्षा और मरीजों की देखभाल में नई ऊंचाइयां हासिल की जा सकें।