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PGI के डॉक्टरों ने एएनसीए वास्कुलिटिस के लिए बनाई गाइडलाइंस

प्रो. अमन शर्मा की अगुवाई में टीम ने किया शोध
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प्रोफेसर अमन शर्मा, आंतरिक चिकित्सा V\विभाग, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस,

चंडीगढ़, 30 सितंबर 

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PGI चंडीगढ़ के रूमेटोलॉजिस्ट ने एएनसीए वास्कुलिटिस (एएवी) के इलाज के लिए गाइडलाइंस तैयार की है। यह एक गंभीर बीमारी है, जो फेफड़ों और किडनी जैसे अंगों को जल्दी प्रभावित कर सकती है। यदि समय पर इलाज न किया गया, तो यह स्थायी नुकसान या मृत्यु का कारण बन सकती है।

इस बीमारी के उपचार में सूजन कम करने वाली दवाओं का उपयोग किया जाता है। पहले, इस तरह की बीमारियों के लिए दिशा-निर्देश विकसित देशों से आए थे, लेकिन भारत के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं थे।

PGI प्रोफेसर अमन शर्मा की अगुवाई में भारतीय शोधकर्ताओं की एक टीम ने ये दिशा-निर्देश बनाए हैं। ये दिशा-निर्देश ऑटोइम्यूनिटी रिव्यूज नाम की एक अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।

पीजीआई में पिछले 20 वर्षों में एएवी के 500 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया है। इन दिशा-निर्देशों के पहले लेखक डॉ. शंकर नायडू और डॉ. आधार धूरिया हैं, जबकि प्रोफेसर शर्मा प्रमुख लेखक हैं।

ये दिशा-निर्देश भारत में उपलब्ध उपचारों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के लिए भी उपयोगी हो सकते हैं।

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