गणतंत्र दिवस पर चिकित्सा अनुसंधान के चमकते सितारे PGI के डॉक्टर जितेंद्र साहू सम्मानित
विवेक शर्मा
चंडीगढ़, 27 जनवरी
गणतंत्र दिवस का यह साल चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित पीजीआईएमईआर के लिए खास बन गया। बाल न्यूरोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार साहू को उनकी अभूतपूर्व चिकित्सा सेवाओं और अनुसंधान में योगदान के लिए यूटी प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया। डॉ. साहू, जो बाल मिर्गी और न्यूरोलॉजिकल विकारों के क्षेत्र में अग्रणी माने जाते हैं, ने इस उपलब्धि से पीजीआईएमईआर और देश का मान बढ़ाया है।
राष्ट्रीय पुरस्कारों से सजी उपलब्धियों की सूची
डॉ. जितेंद्र साहू को हाल ही में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में “राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार: विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर” से सम्मानित किया था। यह पुरस्कार देश के युवा वैज्ञानिकों को उनकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी में असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जाता है।
यह पहला मौका नहीं है जब डॉ. साहू ने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मंचों पर नाम कमाया हो। उनकी उपलब्धियों की सूची प्रेरणा से भरी हुई है:
जॉन स्टोबो प्रिचार्ड पुरस्कार 2024
शीला वॉलेस पुरस्कार 2016 (इंटरनेशनल चाइल्ड न्यूरोलॉजी एसोसिएशन)
ब्रूस एस. शॉएनबर्ग अंतरराष्ट्रीय न्यूरोएपिडेमियोलॉजी पुरस्कार 2023 (अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी)
बर्नार्ड डी'सूजा पुरस्कार 2019 (चाइल्ड न्यूरोलॉजी सोसाइटी, यूएसए)
इहसान डोग्रामाची रिसर्च अवार्ड 2017-18 (इंटरनेशनल पीडियाट्रिक एसोसिएशन फाउंडेशन)
डॉ. अशोक पनगारिया मेमोरियल यंग साइंटिस्ट अवार्ड 2022 (इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी
बचपन की बीमारियों में नई उम्मीद की किरण
डॉ. साहू ने मिर्गी और न्यूरोलॉजिकल विकारों पर व्यापक शोध किया है, जिसने न केवल इस क्षेत्र में नई दिशाएं दीं बल्कि हजारों बच्चों को बेहतर जीवन दिया। उनकी चिकित्सा पद्धतियां और शोध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही गई हैं। इसके साथ ही, वे चिकित्सा शिक्षा में भी अपनी छाप छोड़ते हुए आने वाली पीढ़ी के डॉक्टरों को प्रेरित कर रहे हैं।
मरीजों की सेवा और शोध को प्राथमिकता
डॉ. साहू के सहयोगियों के अनुसार, वे मरीजों की सेवा में जितने समर्पित हैं, उतने ही प्रतिबद्ध वे चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षण के प्रति भी हैं। उनके प्रयासों ने पीजीआईएमईआर को बाल चिकित्सा न्यूरोलॉजी के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित किया है।
गणतंत्र दिवस पर मिला खास सम्मान
यूटी प्रशासन द्वारा उन्हें सम्मानित किए जाने पर पीजीआईएमईआर के निदेशक और स्टाफ ने गर्व व्यक्त किया। यह सम्मान न केवल डॉ. साहू की मेहनत का प्रतीक है, बल्कि यह उनके जैसे विशेषज्ञों के योगदान को पहचानने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
इस गणतंत्र दिवस पर डॉ. जितेंद्र साहू की सफलता ने यह संदेश दिया है कि समर्पण और जुनून के साथ हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए जा सकते हैं।