PGI Chandigarh की तंबाकू नियंत्रण पहल को स्वास्थ्य मंत्रालय का मिला साथ, वैज्ञानिक तरीके से होगी सख्त निगरानी
विवेक शर्मा./ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 4 मार्च
देश में तंबाकू उत्पादों की निगरानी और नियमन को सख्त बनाने के लिए पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। वैज्ञानिक सहायता समूह (SSG) की इस ऐतिहासिक पहल को स्वास्थ्य मंत्रालय ने न केवल सराहा, बल्कि इसे राष्ट्रीय तंबाकू परीक्षण प्रयोगशालाओं (NTTLs) को सशक्त करने वाला कदम करार दिया।
दिल्ली में आयोजित 'राष्ट्रीय कार्यशाला: तंबाकू परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिस मैनुअल' के उद्घाटन सत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव हेकारी झिमोमी (आईएएस) ने कहा, कि तंबाकू नियंत्रण को प्रभावी बनाने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण बेहद जरूरी है। पीजीआईएमईआर और जिपमर पुडुचेरी की भूमिका इस दिशा में महत्वपूर्ण है, और यह पहल तंबाकू नियमन की प्रक्रिया को नई मजबूती देगी।
तंबाकू नियंत्रण को मिलेगा नया आधार
तंबाकू उत्पादों में मौजूद हानिकारक तत्वों की सटीक जांच और उनकी गुणवत्ता पर नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए डॉ. सोनू गोयल, संयोजक (SSG) एवं प्रोफेसर, पीजीआईएमईआर ने 'गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिस मैनुअल' की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह मैनुअल तंबाकू नियंत्रण नीतियों को वैज्ञानिक आधार देगा और तंबाकू उत्पादों की प्रभावी जांच में मदद करेगा।
कार्यक्रम में एनएएमएस अध्यक्ष डॉ. दिगंबर बेहरा ने भी इस पहल को तंबाकू नियंत्रण की दिशा में मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि इससे भारत की तंबाकू निगरानी प्रणाली को मजबूती मिलेगी और नियामक संस्थाएं अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकेंगी।
तंबाकू नियंत्रण पर राष्ट्रीय मंथन
इस कार्यशाला में स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, आईआईटी, डब्ल्यूएचओ, निम्महांस, एम्स, एनएएमएस समेत कई शीर्ष संस्थानों के विशेषज्ञ, नीति निर्माता और शोधकर्ता शामिल हुए। इसमें दो प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई:
1. भारत में तंबाकू उत्पाद नियमन में 'गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिस' को मजबूत करना।
2. डब्ल्यूएचओ-एफसीटीसी के अनुच्छेद 9 और 10 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम तैयार करना।