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पीजीआई प्रशासन पर ईएसएमए उल्लंघन का आरोप, एफआईआर दर्ज करने की मांग

Chandigarh News : जॉइंट एक्शन कमेटी (JAC) ने पीजीआईएमईआर प्रशासन, प्रिंसिपल एम्प्लॉयर्स और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ हरियाणा आवश्यक सेवाएं (रख-रखाव) अधिनियम, 1974 की धारा 7(1) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की...
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Chandigarh News : जॉइंट एक्शन कमेटी (JAC) ने पीजीआईएमईआर प्रशासन, प्रिंसिपल एम्प्लॉयर्स और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ हरियाणा आवश्यक सेवाएं (रख-रखाव) अधिनियम, 1974 की धारा 7(1) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। JAC ने डीजीपी, यूटी चंडीगढ़ को शिकायत सौंपी है और मामले की जांच गजटेड अधिकारी से कराते हुए दोषियों को सजा दिलाने की अपील की है।

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मजदूरों के 80–90 करोड़ रुपये बकाया

JAC के चेयरमैन अश्विनी कुमार मुंजाल ने कहा कि पीजीआई प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्रालय मजदूरों को ‘समान कार्य, समान वेतन’ के तहत देय 80 से 90 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर रहे हैं। यह राशि केंद्र सरकार, श्रम मंत्रालय और माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों से पहले ही सुनिश्चित की जा चुकी है। उनका आरोप है कि ईएसएमए का सहारा लेकर मजदूरों के हक को जानबूझकर टाला जा रहा है।

कानूनी प्रावधानों की अनदेखी

JAC का कहना है कि ईएसएमए की धारा 6 और 7 के तहत नियोक्ता की जिम्मेदारी तय है कि वह मजदूरों को समय पर वेतन और सेवा शर्तें उपलब्ध कराए। आदेशों की अवहेलना करने पर तीन साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इसके बावजूद पीजीआई प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी इन प्रावधानों को दरकिनार कर रहे हैं।

सेवाएं प्रभावित होने की आशंका

कमेटी ने चेतावनी दी कि अगर मजदूरों को उनका बकाया भुगतान शीघ्र नहीं मिला, तो पीजीआई की आवश्यक सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। ऐसे में JAC ने प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई की मांग की है, ताकि संस्थान में स्थिति और न बिगड़े।

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