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PGGC-11 छात्रों ने सीखी डिजिटल सुरक्षा और जिम्मेदारी की बारीकियां

पीजीजीसी-11 बना साइबर जागरूकता का नया केंद्र

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PGGC-11  डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा अब विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुकी है, इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज, सेक्टर-11, चंडीगढ़ ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा माह 2025 के तहत एक प्रेरक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस पहल को कॉलेज की एनएसएस इकाई ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, सेक्टर-17, चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित किया।

कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को साइबर खतरों, ऑनलाइन ठगी और डेटा सुरक्षा के महत्व से परिचित कराना था। आयोजन का मार्गदर्शन प्राचार्य प्रो. जे.के. सहगल और डॉ. दीप्तिशिखा (डीन) ने किया, जबकि समन्वय की जिम्मेदारी एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मोनिका डारा ने संभाली।

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सत्र की शुरुआत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की टीम हेड कांस्टेबल नरेश शर्मा, कांस्टेबल मुकेश, सोंबीर और अमित  के संबोधन से हुई, जिन्होंने वास्तविक मामलों के उदाहरण देते हुए बताया कि लापरवाही कैसे पहचान चोरी, फ्रॉड और साइबर बुलिंग जैसे अपराधों को जन्म देती है।

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इसके बाद साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ हर्षिता ने अपने प्रेजेंटेशन में छात्रों को ‘डिजिटल हाइजीन’ के मूल सिद्धांतों से परिचित कराया। उन्होंने बताया कि मजबूत पासवर्ड, दो-स्तरीय प्रमाणीकरण और सावधान क्लिकिंग जैसे छोटे कदम भी बड़े जोखिमों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

एनएसएस स्वयंसेवक कुनाल आर्य ने प्रभावशाली पावरपॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा पर प्रकाश डाला और डिजिटल जिम्मेदारी को अपनाने का आह्वान किया। सत्र के दौरान छात्रों ने अनेक प्रश्न पूछे, जिनका विशेषज्ञों ने विस्तारपूर्वक उत्तर दिया।

कार्यक्रम का समापन हरभजन लालटो द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने कहा कि इस तरह की पहलें न केवल जागरूकता बढ़ाती हैं, बल्कि युवाओं को ‘स्मार्ट यूजर’ बनने की दिशा में प्रेरित करती हैं।

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