चंडीगढ़, 18 नवंबर (ट्रिन्यू)
गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल व चंडीगढ़ की ओर से प्राकृतिक चिकित्सा दिवस गांधी स्मारक भवन सेक्टर 16 चंडीगढ़ में मनाया गया जिसमें प्राकृृतिक जीवन शैली तथा प्राकृृतिक चिकित्सा को लेकर चर्चा की गई। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज मुख्य अतिथि व डाॅ. राजेन्द्र गोयल मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए। समारोह की अध्यक्षता डाॅ. एमपी डोगरा ने की। निदेशक डाॅ. देवराज त्यागी ने इस अवसर पर कहा कि प्रकृति से दूर होने के कारण ही हमें बीमारियां होती हैं। आज हम फास्ट फूड के नाम पर निर्जीव भोजन कर रहे हैं। भोजन ऋतु के अनुसार होना चाहिए। हमें भूख लगने पर ही खाना चाहिए एवं भूख से कम खाना चाहिए। प्रकृति और मनुष्य का तालमेल एवं व्यापक समझदारी ही बेहतर स्वाथ्य का बेहतर समाधान हो सकता है।
डाॅ. राजेन्द्र गोयल ने कहा कि आवश्यकता से अधिक खाना ठीक से पच नहीं पाता। ऐसा खाना शरीर में सड़कर बीमारियों का कारण बनता है। भोजन हमेशा चबा-चबा कर खाना चाहिए। डाॅ. सरिता मेहता ने बताया कि वे अमेरिका में प्राकृतिक चिकित्सा से लोगों का इलाज कर रही हैं तथा उन्होंने कई लोगों को डाइट के द्वारा ठीक किया है। डाॅ. राजेन्द्र कुमार ने कहा कि सर्दियों में गुड़, तिल, छुआरे, मूंगफली खाने से शरीर कई रोगों से बचता है। धूप लेने से गठिया दूर करने में मदद मिलती है। प्रेम विज ने कहा कि हमें प्रकृति के नियमों को अपनाना चाहिए। डाॅ. एमपी डोगरा ने कहा कि हमें बेमेल भोजन नहीं करना चाहिए। डाॅ. कमलजीत कौर ने कहा कि हमें उपवास भी करने चाहिए।