Pediatric Oncology चाइल्डहुड कैंसर अवेयरनेस मंथ : बच्चों में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मामले
Pediatric Oncology सितंबर को हर साल चाइल्डहुड कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य बच्चों में बढ़ते कैंसर के मामलों को लेकर जागरूकता फैलाना और समय पर रोकथाम व शुरुआती पहचान को प्रोत्साहित करना है।
मैक्स अस्पताल, मोहाली की असिस्टेंट कंसल्टेंट (पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी) डॉ. कृतिका गोयल ने बताया कि बचपन का कैंसर अब तेजी से बढ़ रहा है। उनके अनुसार, जहां वयस्क कैंसर धूम्रपान, शराब और अस्वास्थ्यकर आहार जैसी जीवनशैली से जुड़े होते हैं, वहीं बच्चों का कैंसर प्रायः आनुवंशिक कारणों और गर्भावस्था के दौरान मां के स्वास्थ्य तथा पर्यावरणीय प्रभावों से संबंधित होता है।
गर्भावस्था से शुरू हो सकता है खतरा
डॉ. गोयल ने कहा कि बच्चों में कैंसर का जोखिम जन्म से पहले ही बन सकता है। मां का अस्वस्थ आहार, धूम्रपान (सीधा या परोक्ष), हानिकारक रसायनों और प्रदूषण के संपर्क में आना इस खतरे को बढ़ा सकता है।
रोकथाम के उपाय
डॉ. गोयल के अनुसार गर्भवती महिलाओं को शराब, धूम्रपान और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करना चाहिए तथा प्रीनेटल विटामिन का सेवन सुनिश्चित करना चाहिए। बच्चों को प्रदूषण, कीटनाशक और अनावश्यक रेडिएशन से बचाना चाहिए। शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना और स्क्रीन टाइम सीमित करना भी लाभकारी है।
उन्होंने यह भी कहा कि किशोरों को सुरक्षित आदतों, धूम्रपान के खतरों और एचपीवी व हेपेटाइटिस-बी वैक्सीन की अहमियत के बारे में शिक्षित करना चाहिए।
शुरुआती लक्षणों पर सतर्क रहें
डॉ. गोयल ने बताया कि कई बचपन के कैंसर का कोई स्पष्ट कारण नहीं होता, लेकिन समय पर पहचान से इलाज के नतीजे बेहतर हो जाते हैं।
माता-पिता को बार-बार बुखार या संक्रमण, बिना वजह वजन घटना, शरीर पर गांठ या सूजन, आसानी से नीला पड़ना, लंबे समय तक हड्डियों और जोड़ों में दर्द तथा दृष्टि में बदलाव जैसे लक्षणों पर सतर्क रहना चाहिए।
समय पर इलाज की अहमियत
डॉक्टर ने बताया कि यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। शुरुआती निदान बच्चों की जान बचाने और इलाज की सफलता दर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।