चंडीगढ़, 12 जुलाई (ट्रिन्यू)
पीजीआई को मंगलवार को अत्याधुनिक व उन्नत हेपेटोपैनक्रिएटोबिलरी एंड ट्रांसप्लांट सेंटर (एएचटीसी) प्राप्त हुआ। इस सेंटर के बनने से न केवल रोगियों को बल्कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले डॉक्टरों को भी फायदा मिलेगा।
पीजीआई के पूर्व निदेशक प्रो. जगतराम और पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने इसका उद्घाटन किया जो समारोह में सम्मानित अतिथि थे।
इस अवसर पर पीजीआई के अन्य अधिकारी व विभिन्न विभागों के प्रमुख और संकाय उपस्थित रहे। हेपेटोलॉजी विभाग 1978 से पीजीआई में लीवर की बीमारी के रोगियों की देखभाल कर रहा है। समय के साथ, यह देश के सबसे बड़े हेपेटोलॉजी विभागों में से एक बन गया है। यह सालाना 50,000 से अधिक रोगियों का इलाज करता है, और देश भर से जटिल मामलों के रेफरल प्राप्त करता है।
पीजीआई में मंगलवार को उद्घाटन के बाद कई नई सुविधाएं होंगी, जो रोगी की देखभाल में वृद्धि करेंगी। पहले के पांच बेड वाले लीवर आईसीयू और पांच बेड वाले हाई डिपेंडेंसी यूनिट को 10 बेडेड लीवर आईसीयू में अपग्रेड किया गया है। हेपा फिल्टर की स्थापना, एक अत्याधुनिक उन्नत केंद्रीकृत मल्टी पैरामीटर निगरानी प्रणाली और कागज रहित रोगी रिकॉर्ड रखने और नुस्खे प्रबंधन सुविधा का नवीनीकरण किया गया है। पिछली आपातकालीन एंडोस्कोपी इकाई का नवीनीकरण किया गया है। इसने विशेष उपकरणों के लिए यूनिट में अधिक स्थान बनाया है। इस यूनिट में एक मोबाइल एंडोस्कोपी प्रणाली, एक एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड प्रणाली, और रोगी मूल्यांकन और निगरानी प्रणाली शामिल है।
लीवर प्रत्यारोपण आईसीयू
सात बिस्तरों वाले लीवर प्रत्यारोपण आईसीयू में प्रत्यारोपण से पहले और बाद के रोगियों की मेजबानी करने की सुविधा है। बेहतर पोस्ट-ट्रांसप्लांट देखभाल की सुविधा के लिए दो बेड में अतिरिक्त ग्लास बैरियर हैं। इस आईसीयू में सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग और पेपरलेस रिकॉर्ड कीपिंग की भी सुविधा है। एक बार जब इमारत में लीवर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन थियेटर चालू हो जाता है, तो यह आईसीयू अंग प्रत्यारोपण और निगरानी सुविधाओं का निर्बाध एकीकरण प्रदान करेगा।