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Panjab University: पेंशनरों को उनका अधिकार नहीं, पंजाब यूनिवर्सिटी पर भेदभाव का आरोप

चंडीगढ़, 22 मई (ट्रिन्यू) Panjab University: पंजाब विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें 1 जनवरी 2016 से देय संशोधित एरियर और ग्रेच्युटी अब तक नहीं दी...
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सांकेतिक फाइल फोटो।
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चंडीगढ़, 22 मई (ट्रिन्यू)

Panjab University: पंजाब विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें 1 जनवरी 2016 से देय संशोधित एरियर और ग्रेच्युटी अब तक नहीं दी गई है। पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने इसे पेंशनरों के साथ "सौतेला व्यवहार" करार दिया है और चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे कानूनी कदम उठाने को विवश होंगे।

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एसोसिएशन के अध्यक्ष तिलक राज वाधवा और महासचिव जसबीर सिंह ने बताया कि जिन लाभों का भुगतान कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों को हो चुका है, उन्हें ही पेंशनरों से वंचित रखा गया है। इनमें संशोधित ग्रेच्युटी, एरियर, लीव ट्रैवल एलाउंस (एलटीए) और महंगाई भत्ते की दूसरी किस्त शामिल हैं। “पेंशनर भी इसी विश्वविद्यालय का हिस्सा रहे हैं, लेकिन उनके साथ लगातार भेदभाव हो रहा है,” उन्होंने कहा।

न शिकायत सुनवाई तंत्र, न समाधान की पहल

पेंशनर्स एसोसिएशन ने यह भी कहा कि उन्होंने कुलपति को कई पत्र लिखे लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। विश्वविद्यालय में पेंशनरों की समस्याओं के समाधान के लिए कोई ‘ग्रेवांस सेल’ भी नहीं बनाई गई है। “हम अपनी बात किससे कहें? 3000 से अधिक पेंशनर आज भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं,” एसोसिएशन ने कहा।

कानूनी रास्ते पर जाने की चेतावनी

पेंशनर्स एसोसिएशन ने कहा कि बार-बार प्रयासों के बावजूद जब कोई राहत नहीं मिली, तो अब उनके पास अदालत का दरवाजा खटखटाने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है। “हमने कभी सोचा नहीं था कि सम्मान से सेवानिवृत्त होने के बाद हमें अपने ही हक के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।

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