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पंजाब विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस : नवाचार ही देश का भविष्य, पीयू कर सकता है नेतृत्व : गोपालकृष्णन

पंजाब विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस इस बार केवल परंपरा का उत्सव नहीं, बल्कि भविष्य की तकनीकी दिशा तय करने का अवसर भी बना। इंफोसिस के सह-संस्थापक और पद्म भूषण सम्मानित सेनापति ‘कृस’ गोपालकृष्णन ने अपने प्रेरक व्याख्यान में कहा कि...
पंजाब विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर दीप प्रज्वलित करते मुख्य अतिथि गोपालकृष्णन। -ट्रिब्यून फोटो
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पंजाब विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस इस बार केवल परंपरा का उत्सव नहीं, बल्कि भविष्य की तकनीकी दिशा तय करने का अवसर भी बना। इंफोसिस के सह-संस्थापक और पद्म भूषण सम्मानित सेनापति ‘कृस’ गोपालकृष्णन ने अपने प्रेरक व्याख्यान में कहा कि विश्वविद्यालयों को अब केवल शिक्षा तक सीमित न रहकर नवाचार, उद्यमिता और वैश्विक तकनीकी नेतृत्व का ध्रुवतारा बनना होगा।

‘भारत के भविष्य को उत्प्रेरित करना, प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति’ विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय में यह क्षमता है कि वह नए विचारों और तकनीकी समाधानों का केंद्र बने। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह संस्थान केवल ज्ञान निर्माण तक सीमित न रहे, बल्कि कंपनियां स्थापित करे, रोजगार सृजित करे और समाज की चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करे।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. रेणु विग ने की। सभागार छात्रों और प्रोफेसरों से खचाखच भरा रहा। डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शंस प्रो. योजना रावत, प्रो. मीनाक्षी गोयल, डॉ. विक्रम नय्यर, प्रो. जगत भूषण और समन्वयक प्रो. देश दीपक सिंह भी इस अवसर पर मौजूद रहे।

 

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