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Pandavaaz Live Magic पांडवाज ने रचा नया संगीत इतिहास : ‘धवाड़ी’ लाइव कॉन्सर्ट में गूंजा उत्तराखंड का लोक सुर

Pandavaaz Live Magic उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक संगीत समूह पांडवाज बैंड ने चंडीगढ़ में अपने पहले स्व-आयोजित लाइव कॉन्सर्ट ‘धवाड़ी’ से ऐसा समां बांधा कि पूरा कलाग्राम संगीत और संस्कृति की लहरों में डूब गया। यह आयोजन उत्तराखंड युवा मंच,...
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Pandavaaz Live Magic उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक संगीत समूह पांडवाज बैंड ने चंडीगढ़ में अपने पहले स्व-आयोजित लाइव कॉन्सर्ट ‘धवाड़ी’ से ऐसा समां बांधा कि पूरा कलाग्राम संगीत और संस्कृति की लहरों में डूब गया। यह आयोजन उत्तराखंड युवा मंच, चंडीगढ़ के सहयोग से हुआ, जिसमें सैकड़ों दर्शकों ने पारंपरिक सुरों और आधुनिक बीट्स के संगम का भरपूर आनंद लिया।

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कॉन्सर्ट में बैंड के सदस्य ईशान, अनिरुद्ध, श्रेठ, राकेश, अंशुल, दीपक, ख्याति, श्रुति काला, शिवानी, गौरव और सुशांत ने एक से बढ़कर एक लोकगीतों की प्रस्तुतियाँ दीं। मंच पर साउंड, लाइट और दृश्य प्रभावों का ऐसा संयोजन हुआ जिसने पारंपरिक पहाड़ी संगीत को समकालीन रंग में ढाल दिया।

कार्यक्रम का सबसे भावनात्मक पल तब आया जब ‘पाना पनुली’, ‘केदारनाथ’ और ‘नंदा तेरु डोला’ जैसे गीतों की धुन गूंजी और दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट के बीच झूम उठे। लोक संस्कृति के इस उत्सव में श्रद्धा और गर्व का ऐसा मिश्रण देखने को मिला जो शायद ही पहले कभी हुआ हो।

बैंड ने अपने अन्य लोकप्रिय गीत ‘तिलगा’, ‘घुघुती बसुती’, ‘फुलारी’, ‘गणपति’, ‘बडुली’, ‘समलौंयाणा’, ‘राम गंगा’, ‘राधा’ और ‘हुराणी को दिन’ भी प्रस्तुत किए, जिन पर दर्शक झूमते नजर आए। हर गीत के साथ रोशनी और सुरों की समरसता ने शाम को एक अनोखा अनुभव बना दिया।

पांडवाज बैंड इससे पहले दिल्ली, बेंगलुरु और उत्तराखंड में शानदार प्रस्तुतियाँ दे चुका है। राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में 25,000 से अधिक दर्शकों के सामने अपनी परफॉर्मेंस से पहचान बना चुके इस बैंड ने अब चंडीगढ़ में भी अपनी कला का परचम लहराया।

 

 

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