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Organ Donation 48 वर्षीय किडनी फेल मरीज को मृतक अंगदाता से नई जिंदगी

चंडीगढ़, 15 जुलाई (ट्रिन्यू) किडनी फेल्योर से जूझ रहे 48 वर्षीय एक मरीज को अंगदान के ज़रिए नया जीवन मिला है। मरीज पिछले पांच वर्षों से डायलिसिस पर था और किसी उपयुक्त अंगदाता की प्रतीक्षा कर रहा था। हाल ही...
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चंडीगढ़, 15 जुलाई (ट्रिन्यू)

किडनी फेल्योर से जूझ रहे 48 वर्षीय एक मरीज को अंगदान के ज़रिए नया जीवन मिला है। मरीज पिछले पांच वर्षों से डायलिसिस पर था और किसी उपयुक्त अंगदाता की प्रतीक्षा कर रहा था। हाल ही में ब्रेन डेड घोषित किए गए 76 वर्षीय व्यक्ति के अंगदान से यह इंतजार खत्म हुआ, और किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता ने उम्मीद की नई कहानी लिख दी।

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यह जीवनदायिनी प्रक्रिया फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के ऑर्गन ट्रांसप्लांट विभाग में संपन्न हुई, जहां मृतक अंगदाता के लीवर और दोनों किडनियों को सफलतापूर्वक प्राप्त कर दो अलग-अलग रोगियों में प्रत्यारोपित किया गया। मरीज को डोनर की दोनों किडनियां एक साथ प्रत्यारोपित की गईं, जिसे सिंगल इलिएक फोसा डुअल किडनी ट्रांसप्लांट (UDKT) कहा जाता है।

किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी डॉ. साहिल रैली (किडनी ट्रांसप्लांट कंसल्टेंट) और लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी डॉ. मिलिंद मंडवार (एसोसिएट कंसल्टेंट) द्वारा की गई। सर्जरी के छह दिन बाद मरीज को सामान्य ग्राफ्ट फंक्शन और 0.9 mg/dL सीरम क्रिएटिनिन स्तर के साथ अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

डॉ. रैली ने बताया कि बुज़ुर्ग डोनर और जटिल मेडिकल स्थिति वाले अंगदाता भी जीवन बचाने में सहायक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अंगदान में उम्र की कोई सीमा नहीं होती, ज़रूरत है तो केवल जागरूकता की।
साथ ही उन्होंने राज्यभर के ट्रॉमा और न्यूरो सेंटरों को ब्रेन डेड मरीजों के अंगदान से जोड़ने की ज़रूरत पर बल दिया।

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