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सामुदायिक केंद्रों के किराये में वृद्धि का विरोध

मनीमाजरा (चंडीगढ़), 27 मई (हप्र)चंडीगढ़ रेजिडेंट्स एसोसिएशंस वेलफेयर फेडरेशन ने सामुदायिक केंद्रों के किराए में प्रस्तावित वृद्धि और उनके प्रबंधन को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत निजी एजेंसियों को सौंपने की योजना का कड़ा विरोध किया है। नगर निगम...
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मनीमाजरा (चंडीगढ़), 27 मई (हप्र)चंडीगढ़ रेजिडेंट्स एसोसिएशंस वेलफेयर फेडरेशन ने सामुदायिक केंद्रों के किराए में प्रस्तावित वृद्धि और उनके प्रबंधन को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत निजी एजेंसियों को सौंपने की योजना का कड़ा विरोध किया है। नगर निगम आयुक्त को सौंपे गए एक ज्ञापन में क्रॉफेड के पदाधिकारियों ने चिंता व्यक्त की कि यह कदम सामुदायिक केंद्रों की मूल भावना के विपरीत है, जिन्हें सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और सामुदायिक कल्याण की गतिविधियों के लिए किफायती स्थान प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। क्रॉफेड के चेयरमैन हितेश पुरी ने कहा 'प्रस्तावित किराया वृद्धि और पीपीपी मॉडल सामुदायिक केंद्रों को आम जनता की पहुंच से बाहर कर देगा और कई रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों को मामूली शुल्क पर नियमित बैठकें आयोजित करने से रोकेगा। यह व्यावसायीकरण की दिशा में एक गलत कदम है, जो जनकल्याण और सामुदायिक सहभागिता की भावना को ठेस पहुंचाएगा।'
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फेडरेशन ने मांग की है कि 30 मई को प्रस्तावित एमसीसी हाउस मीटिंग में इन प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया जाए। क्रॉफेड ने नगर निगम से आग्रह किया है कि सामुदायिक केंद्रों के उपयोग के लिए नाममात्र शुल्क बरकरार रखा जाए और इन सार्वजनिक परिसरों का प्रबंधन निजी एजेंसियों को सौंपने की योजना वापस ली जाए।

क्रॉफेड के महासचिव रजत मल्होत्रा ने कहा 'हम मानते हैं कि सार्वजनिक स्थान सभी नागरिकों के लिए सुलभ होने चाहिए, न कि मुनाफे के साधन बनें। इस महत्वपूर्ण निर्णय में निवासियों की आवाज को सुना और सम्मानित किया जाना चाहिए।'

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