विपक्षी पार्षदों ने हाउसिंग प्रोजेक्ट पर उठाए सवाल, गृहसचिव को लिखा पत्र
नगर निगम की 26 अगस्त को हुई 352वीं जनरल हाउस मीटिंग पर सवाल उठने लगे हैं। इस बैठक में लिए गए कई अहम फैसलों को विपक्षी पार्षदों और सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर ने पूरी तरह से गैरकानूनी और मनमाना करार दिया है। वरिष्ठ डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी, डिप्टी मेयर तरुणा मेहता और पार्षद प्रेम लता ने स्थानीय निकाय सचिव-गृह सचिव, यूटी चंडीगढ़ को पत्र लिखकर मांग की है कि बैठक में पास किए गए प्रस्तावों को रद्द घोषित किया जाए। पत्र में आरोप लगाया गया है कि बैठक के दौरान जब वी-3 सड़कों के ट्रांसफर से संबंधित एजेंडे पर चर्चा हो रही थी, तो विपक्षी पार्षदों को बिना किसी कारण बैठक से जबरन बाहर निकाल दिया गया। उनका कहना है कि पार्षद केवल अपने मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करना चाहते थे, लेकिन मेयर ने उन्हें बाहर करवाकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन किया। पत्र के मुताबिक बैठक में 15 विपक्षी और 13 सत्तापक्ष के पार्षद मौजूद थे। ऐसे में विपक्ष की मौजूदगी में एजेंडा पास होना मुश्किल था, इसलिए विपक्ष को बाहर कर एजेंडा जबरन पास किया गया। इसी तरह, मल्टी स्टोरी ग्रुप हाउसिंग से जुड़ा सप्लीमेंट्री एजेंडा भी विपक्ष की गैरमौजूदगी में पारित कर दिया गया। आरोप लगाया गया है कि यह फैसला मनमाने और अवैध तरीके से किया गया है, जिससे कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने की आशंका है।
जांच और कार्रवाई की मांग
विपक्षी पार्षदों ने कहा कि नगर निगम बदतर आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है । उसके बावजूद इस तरह अपारदर्शी ढंग से नीलामी कर के निगम को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि हाउस की बैठक में लिए गए सभी फैसलों को रद्द कर विपक्षी पार्षदों की मौजूदगी में नई बैठक बुलाई जाए । मनमाने ढंग की बजाए पार्षदों की व्यापक उपस्थिति व बातचीत कर से फैसला लिया जाए ताकि नगर निगम को नीलामी में पूरा रेवेन्यू आ सके। पत्र पर सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी, डिप्टी मेयर तरुणा मेहता और पार्षद प्रेम लता के हस्ताक्षर हैं।