जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 7 जनवरी
पंजाब विश्वविद्यालय सीनेट की शनिवार को होने जा रही पहली मीटिंग अब आफलाइन या फिजिकल की बजाय आॅनलाइन होगी। करीब डेढ़ साल बाद होने जा रही इस बैठक को लेकर कई सीनेटर पहले ही सवाल उठा चुके हैं क्योंकि अभी तक चांसलर एम वैंकेया नायडू की ओर से छह फैकेल्टी मैंबर और 8 आर्ट्स कालेज से चुनकर आये फेलो को नोटिफाई नहीं किया है। कुल 91 सदस्यीय सीनेट में 85 मैंबर में से 49 तो चुनकर आते हैं वहीं 36 को चांसलर मनोनीत करते हैं और शेष सदस्य पदेन होते हैं
वैसे कल तक पीयू ने सीनेट मीटिंग आॅफलाइन ही कराने के सारे प्रबंध कर लिये थे। लेकिन अब बदले प्लान के मुताबिक पीयू सीनेट के इतिहास में पहली बार कोई मीटिंग आॅनलाइन होने जा रही है। मीटिंग फिजिकल नहीं है इसलिये तीखी नोंक-झोंक या किसी प्रकार की सीधी भिंड़ंत होने की संभावना कम ही रहेगी। वैसे भी मीटिंग में इस बार कुलपति खेमा कहें या भाजपा-संघ समर्थित ग्रुप ने विरोधी धड़े को अभी तक नोटिफाई ही नहीं होने दिया है, जिसमें प्रो. नवदीप गोयल, अशोक गोयल, केशव मल्होत्रा, रौणकी राम, प्रो. राजेश गिल और आर्ट्स काॅलेज स्टाफ के 8 लोग शामिल हैं। पूर्व सांसद सत्यपाल जैन के अगुवाई वाले ग्रुप ने एक के बाद एक लगातार तीन बैठकें करके पहले ही अपना दबदबा दिखा दिया है, ऐसे में सीनेट बैठक के दौरान किसी प्रकार के हंगामे या हल्ले की गुंजाइश कम ही है। इतना अवश्य है कि सभी फेलो सत्यपाल जैन की बातों को मानते हों यह भी आवश्यक नहीं है क्योंकि भाजपा-संघ के भीतर भी गुटबाजी है और दूसरे धड़े ने चांसलर तक चिट्ठी लिखकर जैन ग्रुप पर निशाना साधा था।
सबसे पहले फैकेल्टी अलाॅट की जाये : ग्रोवर
पूर्व कुलपति प्रो. अरुण कुमार ग्रोवर का मानना है कि अब चूंकि कोई सिंडिकेट नहीं है और सीनेट को ही सब फैसले करने हैं तो क्यों न सबसे पहले फैकेल्टी अलाॅट करने का काम किया जाये और सभी चुने व मनोनीत सदस्यों को दो-दो फैकेल्टी अलाॅट की जायें, जिसमें एक-एक मेजर हो और दूसरी फैकेल्टी माइनर हो। इससे एक तो चार साल में लगभग सभी को सिंडिकेट में आने का मौका मिलेगा, वहीं किसी एक ग्रुप के हमेशा सिंडिकेट में बने रहने की संभावना भी नगण्य सी हो जायेगी। वहीं, सत्यपाल जैन का कहना है कि फिलहाल फैकेल्टीज के मामले में पुरानी परम्परा का ही पालन किया जायेगा और किसी भी प्रकार से रेगुलेशन या कैलेंडर से छेड़छाड़ नहीं की जायेगी।