पीजीआई चंडीगढ़ में 22 फरवरी को एक दिवसीय कार्यशाला: योग और आधुनिक चिकित्सा का संगम
विवेक शर्मा
चंडीगढ़, 20 फरवरी
योग केवल एक आध्यात्मिक अभ्यास नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित उपचार विधि भी है। इसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ स्थित सीसीआरवाईएन-कोलैबोरेटिव सेंटर फॉर माइंड बॉडी इंटरवेंशन थ्रू योगा द्वारा 22 फरवरी 2025 को "इंटीग्रेटिव मेडिसिन: विज्ञान और समग्र उपचार के बीच पुल" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है।
इस कार्यशाला का उद्देश्य योग और आधुनिक चिकित्सा के बीच के संबंधों को समझना, इसके वैज्ञानिक प्रमाणों को प्रस्तुत करना और चिकित्सा प्रणाली में इसकी प्रभावशीलता को लेकर एक संवाद स्थापित करना है। इसमें देशभर के विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे, जो योग चिकित्सा, न्यूरोसाइंस, आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में गहन शोध कर रहे हैं।
योग और चिकित्सा के वैज्ञानिक जुड़ाव पर मंथन
कार्यशाला का आयोजन डॉ. प्रमोद अवती और डॉ. कृष्ण कुमार सोनी (आयोजन सचिव) तथा डॉ. अक्षय आनंद और डॉ. रघवेंद्र राव (आयोजन अध्यक्ष) के नेतृत्व में किया जा रहा है।
इस आयोजन का उद्घाटन राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के अध्यक्ष डॉ. बी. एन. गंगाधर द्वारा किया जाएगा। वे निमहांस, बेंगलुरु में एमेरिटस प्रोफेसर हैं और इंटीग्रेटिव मेडिसिन के क्षेत्र में गहन शोध कर चुके हैं। उद्घाटन सत्र में पीजीआईएमईआर के निदेशक डॉ. विवेक लाल और सीसीआरवाईएन, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रघवेंद्र राव विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
डॉ. विवेक लाल ने कहा," योग न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को संतुलित करता है, बल्कि यह चिकित्सा के क्षेत्र में भी प्रभावी योगदान दे सकता है। यह कार्यशाला योग के वैज्ञानिक प्रमाणों और इसकी व्यावहारिक उपयोगिता को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगी।"
उद्घाटन सत्र के बाद एक संगीतमय योग प्रदर्शन होगा, जो प्रतिभागियों को योग और संगीत के बीच के गहरे संबंध को अनुभव करने का अवसर देगा।
तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन
इस कार्यशाला के दौरान तीन पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा, जो योग और चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध और नई जानकारी प्रदान करती हैं:
1. "न्यूरोसाइंस ऑफ योगा" – योग के वैज्ञानिक आधार को समझाने वाली इस पुस्तक में योग के मस्तिष्क और न्यूरोलॉजिकल विकारों पर प्रभाव को प्रमाणित किया गया है।
2. "वृद्धावस्था में कमर दर्द के लिए योगासन" – इस पुस्तक में बुजुर्गों के लिए प्रमाणित योग तकनीकों का उल्लेख किया गया है, जिससे वे कमर दर्द से राहत पा सकते हैं
3. "नेचर बियॉन्ड नेचर" – ध्यान और मानसिक-आध्यात्मिक विकास पर केंद्रित यह पुस्तक अनुभवी ध्यान साधक राकेश मित्तल द्वारा लिखी गई है।
योग और चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञों की मौजूदगी
इस कार्यशाला में 150 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे और देशभर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ अपने विचार साझा करेंगे, जिनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:
डॉ. रघवेंद्र राव (निदेशक, सीसीआरवाईएन, नई दिल्ली)
डॉ. ईश्वर बसवरड्डी (निदेशक, योगा सेंटर, एमएमजी यूनिवर्सिटी, जयपुर)
स्वामी त्यागराज सरस्वती (बिहार स्कूल ऑफ योगा)
डॉ. संजय फडके (न्यूरोसाइकेट्रिस्ट, पुणे)
डॉ. पी. एन. रविंद्र (अतिरिक्त प्रोफेसर, सेंटर फॉर कॉन्शसनेस स्टडीज, निमहांस, बेंगलुरु)
डॉ. भारत कृष्ण खुंटिया (वैज्ञानिक, सेंटर ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च, एम्स, दिल्ली)
इन विशेषज्ञों द्वारा योग अनुसंधान की गुणवत्ता सुधारने, इसके वैज्ञानिक प्रमाणों की सटीकता बढ़ाने और आधुनिक चिकित्सा में योग के योगदान पर विस्तृत चर्चा होगी।
चिकित्सा और योग का एकीकृत दृष्टिकोण
इस कार्यशाला में इंटरएक्टिव सत्र भी होंगे, जिनमें प्रतिभागी योग को अपने दैनिक जीवन में कैसे शामिल कर सकते हैं, यह पुरानी बीमारियों के उपचार में किस तरह सहायक है, और मानसिक स्वास्थ्य पर इसके सकारात्मक प्रभाव जैसे विषयों पर चर्चा कर सकेंगे।
कार्यक्रम में सम्माननीय अध्यक्षों के रूप में पीजीआईएमईआर और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के वरिष्ठ विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे, जिनमें शामिल हैं:
डॉ. देवाशीष बसु (प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, मनोचिकित्सा, पीजीआईएमईआर)
डॉ. संजय मुनजल (प्रोफेसर, ईएनटी विभाग, पीजीआईएमईआर)
डॉ. राकेश कपूर (प्रोफेसर, रेडियोथेरेपी एवं ऑन्कोलॉजी, पीजीआईएमईआर)
डॉ. विपिन कौशल (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, पीजीआईएमईआर)
प्रो. वाई. पी. वर्मा (रजिस्ट्रार, पंजाब विश्वविद्यालय)
योग अनुसंधान और पीजीआई चंडीगढ़ का योगदान
पीजीआई चंडीगढ़ स्थित योग केंद्र वर्तमान में 5 से अधिक योग अनुसंधान परियोजनाओं और कई एमडी/डीएम व पीएचडी शोध कार्यों का संचालन कर रहा है।
योग केंद्र की सेवाएं:
सभी ओपीडी दिनों में मुफ्त योग सत्र
हृदय और नेत्र रोगियों के लिए विशेष योग कक्षाएं
देखभाल करने वालों के लिए विशेष योग सत्र
डॉ. अक्षय आनंद ने कहा कार्यशाला के माध्यम से हम आधुनिक चिकित्सा के साथ योग के वैज्ञानिक पक्ष को जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहे हैं।"
डॉ. प्रमोद अवती ने कहा, प्रतिभागियों को इस कार्यशाला में योग के वैज्ञानिक प्रमाणों, मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव और इसके चिकित्सीय लाभों को समझने का अवसर मिलेगा।"
कार्यशाला में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करें
जो लोग योग और समग्र चिकित्सा के इस अद्भुत संगम को अनुभव करना चाहते हैं, वे इस कार्यशाला में भाग ले सकते हैं। अधिक जानकारी और पंजीकरण के लिए वेबसाइट https://mbi-conf-2024.com/2025home/ पर विजिट करें।