चंडीगढ़/पंचकूला, 3 सितंबर (नस)
भारतीय हस्तशिल्प की पूरी दुनिया में धूम है लेकिन इसे खुद अपने देश में वो तवज्जो नहीं मिलती। मेरा मिशन स्थानीय कारीगरों को अपने हुनर और बाजार में उत्कृष्टता के लिए नये विचार प्रदान करना है। नये विचारों से उन्हें कोविड के बावजूद आमदनी बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यह बात आज चंडीगढ़ में शुक्रवार को आयोजित आर्किटेक्ट व इंटीरियर डिजाइनर मीनू पराशर ने अपने स्टार्टअप ‘शिल्पकोष’ की प्रदर्शनी के दौरान कही। गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक फॉर वीमेन, सेक्टर 10 में लेक्चरर रह चुकी मीनू पराशर ने कहा कि उनका उद्देश्य पारंपरिक भारतीय कला को पुनर्जीवित करना है। मीनू पराशर ने बताया कि अपने स्टार्टअप के तहत उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों बिहार के मिथिला क्षेत्र से मधुबनी, राजस्थान से फड़, मध्य प्रदेश से गोंड और महाराष्ट्र के वारली आदि से प्रेरित उत्पादों का निर्माण किया है।