शिक्षकों के ड्रेस कोड को लेकर जारी विवाद के बीच चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने बड़ी घोषणा करते हुए सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षकों को यूनिफॉर्म पहनने की अंतिम तारीख 14 अगस्त तक बढ़ा दी है। अब स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को शिक्षक पहली बार एक जैसी ड्रेस में नजर आएंगे। विभाग ने पहले 21 जुलाई से ड्रेस कोड लागू करने का आदेश दिया था, लेकिन शिक्षक संगठनों के विरोध को देखते हुए यह समयसीमा बढ़ाई गई है।
विभाग का कहना है कि यह ड्रेस कोड प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि अनुशासन, समानता और पेशेवर वातावरण को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, जैसे छात्र यूनिफॉर्म में स्कूल आते हैं, वैसे ही शिक्षक भी एकरूपता और प्रेरणा का उदाहरण पेश करेंगे। यह व्यवस्था हर सोमवार और विशेष अवसरों पर लागू होगी। ड्रेस कोड लागू करने वाला चंडीगढ़ देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। इसकी शुरुआत अप्रैल 2025 में पीएम श्री गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, धनास से हुई थी। प्रायोगिक सफलता के बाद इसे पूरे शहर के स्कूलों में लागू किया गया। शिक्षा विभाग का दावा है कि यह निर्णय शिक्षकों की सामाजिक छवि और आत्मसम्मान को नई पहचान देगा। प्रशासक गुलाब चंद कटारिया के निर्देश पर नीति को अंतिम रूप दिया गया है।
15 और 16 जुलाई को कई शिक्षक संगठनों ने ड्रेस कोड के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
ड्रेस कोड इस प्रकार होगा
महिला प्रिंसिपल : मैरून साड़ी (गोल्डन/बेज बॉर्डर) या सलवार सूट
महिला शिक्षक: आइवरी साड़ी या सूट + एक शेड गहरा दुपट्टा
पुरुष प्रिंसिपल : सफेद शर्ट + ग्रे ट्राउजर
पुरुष शिक्षक : ब्लू शर्ट + ग्रे ट्राउजर