सिटी ब्यूटीफुल में अब ताजा हवा भी ‘गुल’
देशभर में सबसे खराब हुई चंडीगढ़ की आबोहवा, एक्यूआई 460 तक पहुंचा
चंडीगढ़/नयी दिल्ली 14 नवंबर (ट्रिन्यू/एजेंसी)
अपनी हरियाली और खूबसूरती के लिए ‘सिटी ब्यूटीफुल’ के नाम से मशहूर हरियाणा, पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ की आबोहवा देशभर में सबसे ज्यादा खराब हो गयी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सामान्यत: 427 दर्ज हुआ, जबकि दिल्ली में यह 424 रहा। चंडीगढ़ के सेक्टर-22 का तो हाल बहुत खराब रहा। यहां एक्यूआई 460 तक पहुंच गया। सेक्टर-25 में 365 और सेक्टर -53 में 455 दर्ज किया गया। चंडीगढ़ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से सभी स्कूलों को बंद करने पर विचार करने का आग्रह किया। उधर, हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ और ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। गुरुग्राम में एक्यूआई 323, पंचकूला में 299, बहादुरगढ़ में 293, हिसार में 289, सोनीपत में 269 दर्ज किया गया। पंजाब के अमृतसर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 325, लुधियाना में 211, मंडी गोबिंदगढ़ में 210 दर्ज किया गया।
गैस चैंबर में प्रवेश करने जैसा है दिल्ली आना : प्रियंका गांधी

दिल्ली में पांचवीं तक स्कूल बंद, सख्त नियम लागू
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार से कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए। इसके तहत कक्षा पांच तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास का विकल्प दिया है। दिल्ली-एनसीआर में बसों को छोड़कर अंतरराज्यीय बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही निर्माण कार्यों पर भी रोक रहेगी। सड़कों की सफाई एवं पानी का छिड़काव भी नियमित रूप से किया जाएगा।
दिल्ली के प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 18 को

जलवायु सम्मेलन में भी उठा मुद्दा
बाकू : वैश्विक जलवायु सम्मेलन में भी प्रदूषण का मुद्दा उठा। भारत सहित ‘बेसिक’ देशों ने विकसित राष्ट्रों से जलवायु वित्त प्रदान करने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने को कहा। सीओपी29 में वार्ता के दौरान अमीर देशों द्वारा अपने वित्तीय दायित्वों को दूसरे पर डालने के प्रयासों को खारिज कर दिया। वार्षिक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में विशेषज्ञों ने भारत से मीथेन और ब्लैक कार्बन जैसे अल्पकालिक जलवायु प्रदूषकों (एसएलसीपी) को कम करने का आग्रह किया। ‘इंस्टीट्यूट फॉर गवर्नेंस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ में भारत की कार्यक्रम निदेशक जेरीन ओशो ने उन महत्वपूर्ण जोखिमों पर बात की, जिनकी वजह से एसएलसीपी भारत की आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए समस्या उत्पन्न करते हैं।

