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एआई से होगी अब अपराधियों की पहचान

 डीसीपी क्राइम अमित दहिया की अध्यक्षता में बैठक, पुलिसिंग को और अधिक प्रभावी बनाने की दी जानकारी
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पंचकूला, 17 जून (हप्र)

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पंचकूला पुलिस ने अब अपराधियों की धरपकड़ के लिए तकनीक का सहारा लेते हुए अपनी कार्यशैली को और अधिक हाईटेक बना लिया है। अपराधियों की पहचान और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस अब इंटरनेट पर उपलब्ध ओपन सोर्स एआई एप्लिकेशन और फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगी जिससे अपराधी की पहचान कर धरपकड़ करने की राह आसान होगी। साथ ही इन तकनीकों के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि पर संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इसी मकसद के चलते आज डीसीपी क्राइम अमित दहिया की अध्यक्षता में सेक्टर-1 स्थित डीसी ऑफिस के विभिन्न शाखाओं के कर्मचारियों व जांच अधिकारियों को आधुनिक वेब पोर्टल और ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐप्स के माध्यम से पुलिसिंग को और अधिक प्रभावी, तेज और पारदर्शी बनाने पर विस्तृत जानकारी दी गई।

इस दौरान डीसीपी क्राइम ने वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि कैसे आधुनिक तकनीकों का सही उपयोग कर पुलिस न केवल अपराधियों तक कम समय में पहुंच सकती है, बल्कि अपनी कार्यप्रणाली को भी अधिक व्यवस्थित और बेहतर बना सकती है। उन्होंने बताया कि मौजूदा डिजिटल युग में पुलिस को तकनीकी रूप से निपुण होना अत्यंत आवश्यक है, जिससे अपराध नियंत्रण और जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। पुलिस विभाग द्वारा साइबर अपराधों की तेजी से जांच और विश्लेषण के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष एनालिटिक्स ट्रेनिंग दी गई है। इस प्रशिक्षण के दौरान पुलिसकर्मियों को लगभग 20 ओपन सोर्स टूल्स की जानकारी दी गई और उन्हें मोबाइल और लैपटॉप पर तकनीकी प्रशिक्षण देकर डेमो के माध्यम से इन टूल्स के प्रयोग की विधि भी समझाई गई। डीसीपी क्राइम ने जनता को सतर्क करते हुए कहा कि किसी के कहने पर रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन को प्ले स्टोर से डाउनलोड न करें और ना ही किसी को इनके पासवर्ड साझा करें। ये ऐप्स साइबर अपराधियों के लिए संवेदनशील जानकारी हासिल करने का माध्यम बन सकते हैं।

 

 

 

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