मोहाली नगर निगम अब शहर की सी-रोड्स (अंदरूनी गलियों) की सफाई भी मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों से करवाने जा रहा है। इस संबंध में 22 अगस्त को होने वाली निगम की बैठक में प्रस्ताव पेश किया जाएगा।
नगर निगम के अनुसार, निगम क्षेत्र (जिसमें गांवों की गलियां भी शामिल हैं) की कुल लंबाई 303.44 किलोमीटर है। इनमें से 101 किलोमीटर सी-रोड्स की नियमित सफाई मशीनों के ज़रिये की जाएगी। प्रस्ताव के मुताबिक हर सड़क की सफाई एक सप्ताह के अंतराल पर होगी और इसके साथ सूखे पत्तों की लिफ्टिंग भी की जाएगी। तीन वर्षों के लिए इस योजना पर लगभग 4 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है।
इसी बैठक में शहरभर में किए जाने वाले विकास कार्यों को मंज़ूरी देने के लिए 25 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भी रखे जाएंगे। इनमें प्रमुख सड़कों पर प्रीमिक्स डालना, लोहे की ग्रिलें लगाना, नई लाइब्रेरियां बनाना और कम्युनिटी सेंटरों के काम शामिल हैं। टेबल आइटम्स में अहम मुद्दे : बैठक में कुछ टेबल आइटम्स भी रखे जाएंगे, जिनमें सबसे अहम है डंपिंग कलेक्शन सेंटर की बाउंड्री वॉल, सेक्टर 74 के नज़दीक बने इस सेंटर को लेकर पहले ही स्थानीय लोग धरना दे चुके हैं और निगम पर अनदेखी का आरोप लगाया है। दूसरी टेबल आइटम के तहत कचरा कलेक्शन की मोनोपोली तोड़ने का प्रस्ताव है। फिलहाल अलग-अलग इलाकों में प्राइवेट गार्बेज कलेक्टर ही यह काम कर रहे हैं। प्रस्ताव है कि अब यह काम किसी प्रोफेशनल कंपनी को सौंपा जाए जो घर-घर से कचरा इकट्ठा कर उसकी सेग्रिगेशन भी करेगी। इसे मोहाली की ज़रूरतों के हिसाब से ‘समय की मांग’ बताया जा रहा है।
‘सी’ सड़कों की मैकेनिक सफाई का होगा विरोध
मोहाली के मौजूदा डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी और पूर्व डिप्टी मेयर मनजीत सिंह सेठी, पार्षद अनुराधा आनंद एवं जसवीर सिंह मणकू जो कि वित्त एवं ठेका कमेटी के मेंबर हैं, ने इस प्रस्ताव के पूर्ण विरोध का फैसला किया है। उनका कहना है कि मोहाली नगर निगम पहली बार ‘बी’ सड़कों की मैकेनिकल सफाई करवा रही थी जो बुरी तरह फेल हुआ है और अंदरूनी ‘सी’ सड़कों के मैकेनिक सफाई असंभव है। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ गांवों की कई ‘सी’ सड़कों पर तो साइकिल निकालना भी मुश्किल है। यही नहीं नगर-निगम के कई कर्मचारी सी सड़कों की सफाई करते हैं, उनका क्या होगा।