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पिंजौर-नालागढ़ फोरलेन परियोजना पर NHAI का जवाब : भूमि अधिग्रहण और बिजली लाइनों के स्थानांतरण में लगी देरी को बताया कारण

सांसद कार्तिकेय शर्मा ने पत्र लिखकर जताई थी नाराजगी
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पिंजौर से नालागढ़ तक की फोरलेन सड़क परियोजना की धीमी प्रगति पर राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा द्वारा जताई गई चिंता के बाद एनएचएआई ने स्थिति स्पष्ट की है। वर्ष 2021 में शुरू हुई यह परियोजना 30 माह में पूरी होनी थी, लेकिन 42 महीने बीत जाने के बाद भी केवल 44% कार्य ही पूरा हो पाया है।

सांसद ने गत माह एनएचएआई को पत्र लिखकर परियोजना में हो रही देरी पर असंतोष व्यक्त किया था। इसके जवाब में एनएचएआई ने बताया कि हरियाणा में खनन परमिट मिलने में एक वर्ष की देरी, भूमि अधिग्रहण की धीमी प्रक्रिया और बिजली लाइनों के स्थानांतरण में आई तकनीकी अड़चनें प्रमुख कारण रहीं। मार्च 2025 तक ही परियोजना के लिए संपूर्ण भूमि उपलब्ध करवाई जा सकी।

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इन परिस्थितियों को देखते हुए मौजूदा ठेकेदार के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया गया है, और वर्तमान में साइट पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो रहा है। सड़क की अस्थायी देखरेख के लिए 20 जुलाई तक एक नई एजेंसी नियुक्त की जा रही है, जबकि शेष निर्माण कार्य के लिए फरवरी 2026 तक नया टेंडर जारी करने की योजना है।

सड़कों की जल्द मरम्मत हो : सांसद

सांसद ने मांग की है कि बारिश से क्षतिग्रस्त हुई वैकल्पिक सड़कों की शीघ्र मरम्मत की जाए और मुख्य परियोजना कार्य को प्राथमिकता के आधार पर दोबारा शुरू किया जाए। यह मार्ग हरियाणा और हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाला एक महत्त्वपूर्ण संपर्क मार्ग है, जो क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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