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NCNO-2025 : दूसरे दिन चिकित्सा अनुसंधान और विमर्श की नई ऊंचाइयां, केस-आधारित शिक्षण सत्रों की रही भरमार

भारत में न्यूरो-ऑप्थलमोलॉजी के अपने अनुभव किए साझा
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चंडीगढ़, 9 फरवरी

राष्ट्रीय न्यूरो-ऑप्थलमोलॉजी सम्मेलन (NCNO-2025) के दूसरे दिन का आगाज जोश और ज्ञानवर्धक सत्रों के साथ हुआ। इस दिन में अत्याधुनिक संगोष्ठियों, विशेषज्ञ पैनल चर्चाओं और केस-आधारित शिक्षण सत्रों की भरमार रही। सुबह के सत्र में शोधकर्ताओं और चिकित्सकों ने अपने नवीन अनुसंधान प्रस्तुत किए, जिससे युवा वैज्ञानिकों को अपने कार्यों को प्रदर्शित करने और वैज्ञानिक संवाद में योगदान देने का अवसर मिला।

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दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण

इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण सत्र "इडियोपैथिक इंट्राक्रानियल हाइपरटेंशन (IIH)" पर केंद्रित था, जिसमें विशेषज्ञों ने इस बीमारी के निदान और उपचार में नवीनतम प्रगति पर चर्चा की।

प्रमुख सत्र:

मोटापा, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और IIH – प्रो. कैथलीन डिग्री (अमेरिका) ने IIH के विस्तृत स्पेक्ट्रम पर व्याख्यान दिया।

पैनल चर्चा – विशेषज्ञों ने लंबर पंक्चर और ट्रांसवर्स साइनस स्टेंटिंग की भूमिका पर बहस की।

न्यूरो-इम्यूनोलॉजी – ऑप्टिक न्यूराइटिस, मायस्थेनिया ग्रेविस और ऑर्बिटल इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम पर चर्चा हुई।

महत्वपूर्ण बहस – क्रॉनिक सिनस वेन थ्रॉम्बोसिस (CVT) में आजीवन एंटीकोआगुलेशन की भूमिका पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।

इस दौरान, प्रो. एम. मधुसूदन (त्रिवेंद्रम) ने पहला एनसीएनओ ओरेशन प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने भारत में न्यूरो-ऑप्थलमोलॉजी के अपने अनुभव साझा किए।

भव्य उद्घाटन समारोह

दूसरे दिन के अंत में सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ। इसमें पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने अध्यक्षता की, जबकि मुख्य अतिथि सर्जन वाइस एडमिरल आर्ति सरिन (एवीएसएम, वीएसएम), महानिदेशक, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाएं (DGAFMS) ने अपने प्रेरणादायक संबोधन से समारोह की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का समापन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। आयोजन समिति ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, संकाय सदस्यों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

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